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उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के सामने जिलेटिन रॉड रखी स्कॉर्पियो के मामले में एनआईए की तरफ से लगातार हो रहे खुलासों ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल लाना शुरू कर दिया है। पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी और निलंबन से विपक्ष और आक्रामक होकर सरकार पर हमले कर रहा है, तो सत्ताधारी शिवसेना इसे मुंबई पुलिस का अपमान बता रही है।
महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि परमबीर सिंह और सचिन वाजे तो छोटे लोग हैं। इनका राजनीतिक आका कोई और है, उनका चेहरा सामने लाना चाहिए। राज्य के पूर्व सीएम फडणीस के इस आरोप पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने उन पर जमकर हमला बोला है। राउत ने कहा, किसी के पास अगर कोई सबूत है या किसी के पास कोई जानकारी है तो नाम लेकर बोले। वरना हवा में तीर नहीं चलाए। नाम लीजिए और सीधी बात करे।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने चर्चा करते हुए कहा, महाराष्ट्र की राजनीति का अपराधीकरण न हुआ था, न ही होगा और न होने देंगे। ये फडणवीस को भी पता है। महाराष्ट्र का डीएनए अलग तरह का है। देवेंद्र फडणवीस भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। महाराष्ट्र का पुलिस फोर्स क्या है ये उन्हें पता है। आज अगर फडणवीस विपक्ष में हैं, तो मुंबई पुलिस के मनोबल को गिराने का काम एक पूर्व मुख्यमंत्री को नहीं करना चाहिए। बीते 10 से 15 दिन में जो कुछ हुआ है उसका समर्थन न हम करेंगे, न और कोई करेगा। उसकी जांच एनआईए और एटीएस कर रही है। सरकार ने जो तबादले किए हैं वे बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।
राउत ने आगे कहा कि अगर विपक्षी दलों को लगता है कि ये किसी दबाव में किया तो ये सरासर झूठ और गलत है। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने कोई भी तबादला किसी के दबाव में नहीं किया है। ये हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि जब तक जांच पूरी नहीं होती है और सच सामने नहीं आता है तब तक ये तबादले होने चाहिए। लेकिन जिस प्रकार का माहौल मीडिया में और सभी जगह बन गया था, इस पर मुख्यमंत्री को लगा कि जिस अधिकारी या जिस फोर्स पर मीडिया, विपक्ष या कुछ लोगों ने शंका व्यक्त की है उसकी जांच होने तक तबादले होने चाहिए।
तबादले के बाद मामला शांत होने के सवाल पर राउत ने कहा कि ये कोई मामला ही नहीं है। विपक्ष अगर इसे मामला बनाना चाहता है तो उन्हें बनाने का पूरा अधिकार है। साढ़े तीन साल ऐसे मामले बनाते रहिए। सरकार रहेगी सरकार का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है।
उन्होंने कहा, जब इस प्रकार के मामले सामने आते हैं तो कार्रवाई करना हमारा अधिकार बनता है। इस देश में बहुत सी घटनाएं पहले भी हुई हैं और कार्रवाई भी होती आई हैं। अगर हम इसी बात पर चर्चा करेंगे तो दूर तक जाएंगी। लेकिन हमारी जिम्मेदारी है। नैतिकता हम मानते हैं और कर्तव्य का हम पालन करते हैं। इस कर्तव्य का पालन करते हुए ये कार्रवाई हुई है।
मुंबई जैसे शहर में कार में से जिलेटिन की छड़ें निकलती हैं और जांच के दौरान एक व्यक्ति की मौत तक हो जाती है क्या ये पुलिस व्यवस्था पर सवालिया निशान नहीं खड़े करता, इस सवाल के जवाब में संजय राउत ने कहा, देश में सबसे ज्यादा अगर लोग सुरक्षित हैं तो वह मुंबई है।
एक संदेहास्पद कार में जिलेटिन के टुकड़े जरूर मिले हैं लेकिन उसका टुकड़े-टुकड़े गैंग से कोई भी संबंध नहीं है। इसकी जांच चल रही है। इसकी जांच केंद्र सरकार की सबसे काबिल एजेंसी एनआईए कर रही है। हमारा एटीएस भी कर रहा है। दोनों की जांच चल रही है जल्द ही बही खाता खुलेगाा और सच सामने आएगा।
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