May 12, 2024 : 12:44 PM
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एंटीलिया बम केस: एक बार फिर दांव पर है मुंबई पुलिस की प्रतिष्ठा, ठाकरे सरकार के गले की हड्डी बनी हिरेन की रहस्यमय मौत

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सार
भाजपा विधायक नितेश राणे ने ट्वीट किया कि दिशा सालियान खुश थी, लेकिन आत्महत्या कर ली। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत महत्वाकांक्षी थे, इसलिए आत्महत्या कर ली। पूजा चव्हाण बहुत मजबूत थी लेकिन आत्महत्या कर ली। अब मनसुख हिरेन की आत्महत्या की बात कही जा रही है…

Mansukh Hiren scorpio was found near Mukesh ambani residence
– फोटो : Amar Ujala

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मुंबई पुलिस की तुलना स्कॉटलैंड यार्ड से की जाती है। लेकिन बीते एक साल के दौरान मुंबई पुलिस को कई मामलों में बड़े आरोप झेलने पड़े हैं। प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से भरी स्कार्पियो गाड़ी मिलने के बाद वाहन मालिक की रहस्यमय मौत से एक बार फिर मुंबई पुलिस की प्रतिष्ठा दांव पर है। क्योंकि इस पूरे प्रकरण में शक की सूई मुंबई पुलिस के सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे के इर्दगिर्द घूम रही है।

मुकेश अंबानी के घर के पास मिली जिलेटिन से भरी स्कार्पियो कार और फिर वाहन मालिक की मौत के उपरांत जो तथ्य सामने आए हैं, उसके अनुसार राज्य की विपक्षी पार्टी भाजपा ने मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की मांग की है। वहीं, गृहमंत्री अनिल देशमुख ने एनआईए को जांच सौंपने की मांग को खारिज कर एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) को जांच सौंप दी है। लेकिन हिरेन के परिवार पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं है। परिवार चाहता है कि इसकी उच्चस्तरीय जांच हो।

दूसरी ओर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या है। इसकी विस्तृत जानकारी हिरेन परिवार को नहीं दी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि हिरेन के शरीर पर कोई जख्म नहीं पाया गया है लेकिन मृत्यु का कारण भी नहीं बताया गया है। उधर, विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस ने इस पूरे प्रकरण में एपीआई सचिव वाजे की भूमिका को लेकर सवाल उठाए हैं, इससे राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार भी कटघरे में है। फडणवीस का स्पष्ट आरोप है कि इस मामले में सरकार किसी को बचाने का प्रयास कर रही है। शनिवार को महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस भारी दबाव में काम कर रही है। इसलिए इस मामले की जांच एनआईए को सौंप देनी चाहिए।

दूसरी ओर, मनसुख हिरेन की पत्नी विमल हिरेन का कहना है कि उनके पति कभी आत्महत्या नहीं कर सकते। उनके पति कांदिवली क्राइम ब्रांच के तावड़े नामक एक पुलिसकर्मी के बुलाने पर गए थे। लेकिन उसके दूसरे दिन उनका शव मुंब्रा की खाड़ी में मिला। विमला ने कहा कि स्कार्पियो कार अंबानी के घर के पास मिलने के बाद पुलिस किसी भी वक्त उनके पति को पूछताछ के लिए बुलाती थी। वहीं, हिरेन की मौत से तीन पहले मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और ठाणे पुलिस आयुक्त को भेजा गया पत्र भी अहम माना जा रहा है, जिससे पुलिस पर उंगली उठ रही है।

हिरेन की मौत की जांच ठाकरे सरकार की छवि के लिए महत्वपूर्ण– संजय राउत

इस बीच शिवसेना प्रवक्ता व सांसद संजय राउत ने कहा कि इस मामले की पूरी जांच मुकेश अंबानी के एंटीलिया आवास के पास कार मिलने की घटना से शुरू होगी। यह मामला उद्धव ठाकरे सरकार की छवि के लिए काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यदि मनसुख हिरेन की हत्या का संदेह है और विपक्ष ने इस मामले की जांच की मांग की है, तो गृह विभाग को जल्द से जल्द इस सचाई का पता लगाना चाहिए।

एमवीए सरकार में कथित आत्महत्याओं पर उठे सवाल, राष्ट्रपति शासन की मांग

मनसुख हिरेन की मौत के बाद बीते एक साल में हुई कथित आत्महत्या को लेकर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, भाजपा विधायक नितेश राणे ने महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट किया कि दिशा सालियान खुश थी, लेकिन आत्महत्या कर ली। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत महत्वाकांक्षी थे, इसलिए आत्महत्या कर ली। पूजा चव्हाण बहुत मजबूत थी लेकिन आत्महत्या कर ली। अब मनसुख हिरेन की आत्महत्या की बात कही जा रही है। आखिरकार, एमवीए सरकार में इस तरह आत्महत्याएं क्यों हो रही है। वहीं, मुख्यमंत्री व भाजपा सांसद नारायण राणे ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति भयावह है। इसलिए महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए।

शिवसेना के नेता भी रहे हैं पुलिस अधिकारी सचिन वजे

साल 1990 में पुलिस की नौकरी ज्वाईन करने वाले एपीआई सचिन वजे घाटकोपर बम धमाके में संदिग्ध आरोपी ख्वाजा युनूस की कथित तौर पर पुलिस हिरासत में मौत के मामले में 2004 में निलंबित हुए थे। नवंबर 2007 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। लेकिन जांच लंबित होने के कारण उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ था। इसके बाद साल 2008 में वे शिवसेना में शामिल हो गए थे। 13 साल बाद 6 जून 2020 को उद्धव ठाकरे सरकार ने फिर से पुलिस सेवा में बहाल कर दिया था। वजे ने 63 एनकाउंटर किए हैं। इसलिए उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाता है। बीते साल वे रिपब्लिक भारत के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार कर चर्चा में आए थे।   

शिवसेना और इंस्पेक्टर सचिन वाजे का क्या है लिंक- मनसे   

सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे की भूमिका को लेकर विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने भी सवाल उठाया है। मनसे नेता व पूर्व पार्षद संदीप देशपांडे ने कहा कि शिवसेना का मुख्यमंत्री बनते ही सचिन वाजे पुलिस सेवा में कैसे आए। उन्हें ही जांच क्यों सौंपा जा रहा है। शिवसेना और वाजे का क्या लिंक है।

विस्तार

मुंबई पुलिस की तुलना स्कॉटलैंड यार्ड से की जाती है। लेकिन बीते एक साल के दौरान मुंबई पुलिस को कई मामलों में बड़े आरोप झेलने पड़े हैं। प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से भरी स्कार्पियो गाड़ी मिलने के बाद वाहन मालिक की रहस्यमय मौत से एक बार फिर मुंबई पुलिस की प्रतिष्ठा दांव पर है। क्योंकि इस पूरे प्रकरण में शक की सूई मुंबई पुलिस के सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे के इर्दगिर्द घूम रही है।

मुकेश अंबानी के घर के पास मिली जिलेटिन से भरी स्कार्पियो कार और फिर वाहन मालिक की मौत के उपरांत जो तथ्य सामने आए हैं, उसके अनुसार राज्य की विपक्षी पार्टी भाजपा ने मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की मांग की है। वहीं, गृहमंत्री अनिल देशमुख ने एनआईए को जांच सौंपने की मांग को खारिज कर एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) को जांच सौंप दी है। लेकिन हिरेन के परिवार पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं है। परिवार चाहता है कि इसकी उच्चस्तरीय जांच हो।

दूसरी ओर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या है। इसकी विस्तृत जानकारी हिरेन परिवार को नहीं दी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि हिरेन के शरीर पर कोई जख्म नहीं पाया गया है लेकिन मृत्यु का कारण भी नहीं बताया गया है। उधर, विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस ने इस पूरे प्रकरण में एपीआई सचिव वाजे की भूमिका को लेकर सवाल उठाए हैं, इससे राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार भी कटघरे में है। फडणवीस का स्पष्ट आरोप है कि इस मामले में सरकार किसी को बचाने का प्रयास कर रही है। शनिवार को महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस भारी दबाव में काम कर रही है। इसलिए इस मामले की जांच एनआईए को सौंप देनी चाहिए।

दूसरी ओर, मनसुख हिरेन की पत्नी विमल हिरेन का कहना है कि उनके पति कभी आत्महत्या नहीं कर सकते। उनके पति कांदिवली क्राइम ब्रांच के तावड़े नामक एक पुलिसकर्मी के बुलाने पर गए थे। लेकिन उसके दूसरे दिन उनका शव मुंब्रा की खाड़ी में मिला। विमला ने कहा कि स्कार्पियो कार अंबानी के घर के पास मिलने के बाद पुलिस किसी भी वक्त उनके पति को पूछताछ के लिए बुलाती थी। वहीं, हिरेन की मौत से तीन पहले मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और ठाणे पुलिस आयुक्त को भेजा गया पत्र भी अहम माना जा रहा है, जिससे पुलिस पर उंगली उठ रही है।

हिरेन की मौत की जांच ठाकरे सरकार की छवि के लिए महत्वपूर्ण– संजय राउत

इस बीच शिवसेना प्रवक्ता व सांसद संजय राउत ने कहा कि इस मामले की पूरी जांच मुकेश अंबानी के एंटीलिया आवास के पास कार मिलने की घटना से शुरू होगी। यह मामला उद्धव ठाकरे सरकार की छवि के लिए काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यदि मनसुख हिरेन की हत्या का संदेह है और विपक्ष ने इस मामले की जांच की मांग की है, तो गृह विभाग को जल्द से जल्द इस सचाई का पता लगाना चाहिए।

एमवीए सरकार में कथित आत्महत्याओं पर उठे सवाल, राष्ट्रपति शासन की मांग

मनसुख हिरेन की मौत के बाद बीते एक साल में हुई कथित आत्महत्या को लेकर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, भाजपा विधायक नितेश राणे ने महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट किया कि दिशा सालियान खुश थी, लेकिन आत्महत्या कर ली। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत महत्वाकांक्षी थे, इसलिए आत्महत्या कर ली। पूजा चव्हाण बहुत मजबूत थी लेकिन आत्महत्या कर ली। अब मनसुख हिरेन की आत्महत्या की बात कही जा रही है। आखिरकार, एमवीए सरकार में इस तरह आत्महत्याएं क्यों हो रही है। वहीं, मुख्यमंत्री व भाजपा सांसद नारायण राणे ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति भयावह है। इसलिए महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए।

शिवसेना के नेता भी रहे हैं पुलिस अधिकारी सचिन वजे

साल 1990 में पुलिस की नौकरी ज्वाईन करने वाले एपीआई सचिन वजे घाटकोपर बम धमाके में संदिग्ध आरोपी ख्वाजा युनूस की कथित तौर पर पुलिस हिरासत में मौत के मामले में 2004 में निलंबित हुए थे। नवंबर 2007 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। लेकिन जांच लंबित होने के कारण उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ था। इसके बाद साल 2008 में वे शिवसेना में शामिल हो गए थे। 13 साल बाद 6 जून 2020 को उद्धव ठाकरे सरकार ने फिर से पुलिस सेवा में बहाल कर दिया था। वजे ने 63 एनकाउंटर किए हैं। इसलिए उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाता है। बीते साल वे रिपब्लिक भारत के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार कर चर्चा में आए थे।   

शिवसेना और इंस्पेक्टर सचिन वाजे का क्या है लिंक- मनसे   

सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे की भूमिका को लेकर विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने भी सवाल उठाया है। मनसे नेता व पूर्व पार्षद संदीप देशपांडे ने कहा कि शिवसेना का मुख्यमंत्री बनते ही सचिन वाजे पुलिस सेवा में कैसे आए। उन्हें ही जांच क्यों सौंपा जा रहा है। शिवसेना और वाजे का क्या लिंक है।

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