May 19, 2024 : 10:03 PM
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शहीदों का सम्मान: गलवान के शहीदों को वीरता पुरस्कार देने की सिफारिश, 26 जनवरी को दिए जाएंगे चक्र सीरीज के अवॉर्ड

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नई दिल्ली6 दिन पहले

पिछले साल 15-16 जून की रात चीन और भारत के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें 20 जवान शहीद हुए थे। (फाइल फोटो)।

गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू समेत जवानों को वीरता पुरस्कार (गैलेंट्री अवार्ड) देने की सिफारिश की गई है। सेना ने गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर शहीदों को युद्ध काल में दिए जाने वाले चक्र सीरीज के अवार्ड से सम्मानित करने की अनुशंसा की है।

युद्ध काल में दिए जाने वाले चक्र सीरीज के पुरस्कारों में परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र शामिल हैं। ये सेना के सबसे ऊंचे पुरस्कार हैं। शांतिकाल में ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए सैनिकों को अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र जैसे सम्मान दिए जाते हैं।

गलवान में पिछले साल हुई थी हिंसक झड़पगलवान में पिछले साल 15-16 जून को भारतीय जवानों की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीनी सैनिकों के साथ झड़प हुई थी। इसमें भारतीय सेना की 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हुए थे। अमेरिकन इंटेलीजेंस रिपोर्ट के मुताबिक इस झड़प में चीन के भी 35 सैनिक मारे गए थे।

किस रेजिमेंट से कितने जवान शहीद हुए?

रेजिमेंटशहीदों की संख्या16 बिहार रेजिमेंट12 शहीद3 पंजाब रेजिमेंट3 शहीद3 मीडियम रेजिमेंट2 शहीद12 बिहार रेजिमेंट1 शहीद81 माउंट ब्रिगेड सिग्नल कंपनी1 शहीद81 फील्ड रेजिमेंट1 शहीद

शहीदों की याद में बनाई गई पोस्टइंडियन आर्मी ने गलवान में शहीदों के नाम पर एक पोस्ट बनाई है। वहीं, डिफेंस मिनिस्ट्री ने सभी शहीदों के नाम नेशनल वॉर मेमोरियल में दर्ज करने का फैसला लिया है। इस घटना के बाद से सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। दोनों देशों ने ईस्टर्न लद्दाख में LAC पर 50-50 हजार जवानों को तैनात कर दिया था। कई राउंड की बातचीत के बाद सैनिकों की संख्या घटाने पर सहमति बनी थी।

जवानों की वीरता से चीन को बड़ा नुकसान पहुंचान्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 15-16 जून की रात पेट्रोलिंग के दौरान लोहे की रॉड से लैस चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर हमला बोल दिया था। पेट्रोल पॉइंट-14 के पास दोनों सेनाओं के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई। इस घटना के वक्त चीन की ओर से करीब 800 सैनिक जमा हो गए थे। जबकि, भारतीय सैनिक संख्या में कम थे।

रात के अंधेरे में चीनी सैनिक पत्थर, लाठी और लोहे की रॉड से हमला कर रहे थे। भारतीय जवानों ने भी कर्नल संतोष बाबू की अगुवाई में हमले का करारा जवाब दिया। इससे चीनी सैनिकों में भगदड़ मच गई और रात के अंधेरे में उसके कई सैनिक रिज से गलवान नदी में गिर गए। हालांकि चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने पर चुप्पी साध ली थी, लेकिन अमेरिकी इंटेलीजेंस रिपोर्ट ने चीन के 35 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने की जानकारी दी थी।

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