May 20, 2024 : 6:31 PM
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बिहार में अपराध को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश को पत्रकारों ने घेरा, हुई जोरदार बहस

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बिहार में हत्या के एक बड़े मामले को लेकर पत्रकारों ने जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा तब दोनों तरफ से गरमागरम बहस हो गई। इस हफ्ते की शुरुआत में राज्य की राजधानी में हुई हत्या का यह मामला सुर्खियों में है। नीतीश कुमार नगर के एक बड़े हिस्से में यातायात की भीड़ को कम करने के लिए 379.57 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए ‘अटल पथ’ के पहले चरण का लोकार्पण करने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

करीब डेढ़ दशक पहले सत्ता में आने के बाद ढांचागत सुधार के बारे में मुख्यमंत्री ने जैसे ही बोलना शुरू किया, पत्रकारों ने उनसे नगर में मंगलवार की शाम को हुई एक निजी एयरलाइन के युवा अधिकारी की हत्या पर सवाल दाग दिए। इस पर नीतीश ने कहा, ‘कृपया विकास और अपराध के मामलों को मत मिलाइए। आपकी बातों से पुलिस हतोत्साहित होगी, जो अपना काम कर रही है। मैंने खुद ही डीजीपी को आवश्यक निर्देश दिए हैं।’

संवाददाताओं ने जब कहा कि पुलिस अपराध रोकने में सक्षम नहीं है तो उन्होंने कहा, ‘क्या कोई हत्यारा अपराध करने से पहले अनुमति लेता है? क्या आपके पास कोई सूचना है, अगर है तो साझा कीजिए।’ क्षुब्ध नीतीश ने कहा, ‘देश में सबसे कम अपराध वाले राज्यों में बिहार भी है। खराब तस्वीर दिखाने से पहले अन्य राज्यों को भी देखें। आपको याद है कि डेढ़ दशक पहले जब पति-पत्नी की सरकार थी तो चीजें कितनी खराब थीं।’

कुछ पत्रकारों ने कहा कि वे पुलिस के साथ जानकारी साझा करना चाहते हैं लेकिन डीजीपी फोन ही नहीं उठाते हैं और जो फोन उठाता है वह ब्योरा लिखकर कहता है कि अधिकारी वापस फोन कर लेंगे, लेकिन ऐसा कभी नहीं होता। इसके बाद मुख्यमंत्री ने डीजीपी एसके सिंघल को खुद फोन किया और उन्हें निर्देश दिया कि पत्रकारों से बातचीत की व्यवस्था बनाएं। इसके बाद आदेश के साथ मोबाइल व लैंडलाइन नंबर जारी किए गए।

बिहार में हत्या के एक बड़े मामले को लेकर पत्रकारों ने जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा तब दोनों तरफ से गरमागरम बहस हो गई। इस हफ्ते की शुरुआत में राज्य की राजधानी में हुई हत्या का यह मामला सुर्खियों में है। नीतीश कुमार नगर के एक बड़े हिस्से में यातायात की भीड़ को कम करने के लिए 379.57 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए ‘अटल पथ’ के पहले चरण का लोकार्पण करने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

करीब डेढ़ दशक पहले सत्ता में आने के बाद ढांचागत सुधार के बारे में मुख्यमंत्री ने जैसे ही बोलना शुरू किया, पत्रकारों ने उनसे नगर में मंगलवार की शाम को हुई एक निजी एयरलाइन के युवा अधिकारी की हत्या पर सवाल दाग दिए। इस पर नीतीश ने कहा, ‘कृपया विकास और अपराध के मामलों को मत मिलाइए। आपकी बातों से पुलिस हतोत्साहित होगी, जो अपना काम कर रही है। मैंने खुद ही डीजीपी को आवश्यक निर्देश दिए हैं।’

संवाददाताओं ने जब कहा कि पुलिस अपराध रोकने में सक्षम नहीं है तो उन्होंने कहा, ‘क्या कोई हत्यारा अपराध करने से पहले अनुमति लेता है? क्या आपके पास कोई सूचना है, अगर है तो साझा कीजिए।’ क्षुब्ध नीतीश ने कहा, ‘देश में सबसे कम अपराध वाले राज्यों में बिहार भी है। खराब तस्वीर दिखाने से पहले अन्य राज्यों को भी देखें। आपको याद है कि डेढ़ दशक पहले जब पति-पत्नी की सरकार थी तो चीजें कितनी खराब थीं।’

कुछ पत्रकारों ने कहा कि वे पुलिस के साथ जानकारी साझा करना चाहते हैं लेकिन डीजीपी फोन ही नहीं उठाते हैं और जो फोन उठाता है वह ब्योरा लिखकर कहता है कि अधिकारी वापस फोन कर लेंगे, लेकिन ऐसा कभी नहीं होता। इसके बाद मुख्यमंत्री ने डीजीपी एसके सिंघल को खुद फोन किया और उन्हें निर्देश दिया कि पत्रकारों से बातचीत की व्यवस्था बनाएं। इसके बाद आदेश के साथ मोबाइल व लैंडलाइन नंबर जारी किए गए।

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