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औरंगाबाद नामकरण विवाद पर कांग्रेस ने शिवसेना को दी ‘अटल’ नसीहत

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सुरेंद्र मिश्र, अमर उजाला, मुंबई
Updated Sat, 09 Jan 2021 11:57 PM IST

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महाराष्ट्र में औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर रखने के मुद्दे पर जारी रस्साकशी के बीच कांग्रेस ने शिवसेना को ‘अटल’ नसीहत दी है। साथ ही, यह भी कहा है कि शिवसेना अपना एजेंडा तब लागू करे जब शिवसेना की अपनी सरकार हो। चूकि यह तीन दलो की गठबंधन सरकार है इसलिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत ही सरकार चलनी चाहिए। वहीं, शिवसेना औरंगाबाद के मुद्दे पर झुकने को तैयार नहीं है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व लोकनिर्माण मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा है कि अटल बिहारी वाजपेयी कई दलों के समर्थन से प्रधानमंत्री बने थे। उस समय उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के एजेंडे के बारे में कहा था कि राम मंदिर का निर्माण भाजपा के एजेंडे में है। चूंकि यह गठबंधन की सरकार है, इसलिए जब भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलेगा तो मंदिर का निर्माण होगा। चव्हाण ने कहा कि औरंगाबाद का नामकरण शिवसेना का एजेंडा है। लेकिन महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की महाविकास आघाड़ी सरकार है। इसलिए शिवसेना को भी गठबंधन की सरकार में न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत सरकार चलानी चाहिए। औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर रखने के मुद्दे को तूल नहीं देना चाहिए। इसी बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह कहकर मामले नया मोड़ दे दिया है कि औरंगजेब कोई सेकुलर नहीं था।

शिवसेना की तरफ से कैबिनेट में नामांतरण प्रस्ताव लाने की तैयारी

इधर, शिवसेना की तरफ से ऐतिहासिक शहर औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर बड़े राजनीतिक खेल की तैयारी की गई है। शिवसेना सूत्रों के अनुसार जल्द ही इस आशय का प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पेश हो सकता है। कांग्रेस-एनसीपी के विरोध के बावजूद कैबिनेट में औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने का प्रस्ताव पेश करने के पीछे की मंशा को समझा जा सकता है। सूत्रों की मानें तो यह सारी कवायद औरंगाबाद महानगरपालिका चुनाव में भाजपा को मात देने के लिए हो रही है।

सत्ता के लिए कुछ भी कर सकती है शिवसेना- महाजन

औरंगाबाद का नाम बदलने के मुद्दे पर महाविकास आघाड़ी सरकार में खटास आने की खबर के बीच भाजपा नेता व पूर्व मंत्री गिरीश महाजन ने कहा है कि शिवसेना सत्ता के लिए कुछ भी कर सकती है। उन्होंने अहमनगर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शिवसेना की भूमिका हमेंशा बदलती रहती है। कांग्रेस और शिवसेना का संबंध सीधे तौर पर पूर्व और पश्चिम की दिशा से है। फिर भी शिवसेना सत्ता के लिए कांग्रेस के साथ है। औरंगाबाद नामकरण का मुद्दा सिर्फ चुनाव तक सीमित है।

सार
चव्हाण ने कहा है कि अटल बिहारी वाजपेयी कई दलों के समर्थन से प्रधानमंत्री बने थे। उस समय उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के एजेंडे के बारे में कहा था कि राम मंदिर का निर्माण भाजपा के एजेंडे में है। चूंकि यह गठबंधन की सरकार है। इसलिए जब भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलेगा तो मंदिर का निर्माण होगा…

विस्तार

महाराष्ट्र में औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर रखने के मुद्दे पर जारी रस्साकशी के बीच कांग्रेस ने शिवसेना को ‘अटल’ नसीहत दी है। साथ ही, यह भी कहा है कि शिवसेना अपना एजेंडा तब लागू करे जब शिवसेना की अपनी सरकार हो। चूकि यह तीन दलो की गठबंधन सरकार है इसलिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत ही सरकार चलनी चाहिए। वहीं, शिवसेना औरंगाबाद के मुद्दे पर झुकने को तैयार नहीं है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व लोकनिर्माण मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा है कि अटल बिहारी वाजपेयी कई दलों के समर्थन से प्रधानमंत्री बने थे। उस समय उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के एजेंडे के बारे में कहा था कि राम मंदिर का निर्माण भाजपा के एजेंडे में है। चूंकि यह गठबंधन की सरकार है, इसलिए जब भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलेगा तो मंदिर का निर्माण होगा। चव्हाण ने कहा कि औरंगाबाद का नामकरण शिवसेना का एजेंडा है। लेकिन महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की महाविकास आघाड़ी सरकार है। इसलिए शिवसेना को भी गठबंधन की सरकार में न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत सरकार चलानी चाहिए। औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर रखने के मुद्दे को तूल नहीं देना चाहिए। इसी बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह कहकर मामले नया मोड़ दे दिया है कि औरंगजेब कोई सेकुलर नहीं था।

शिवसेना की तरफ से कैबिनेट में नामांतरण प्रस्ताव लाने की तैयारी

इधर, शिवसेना की तरफ से ऐतिहासिक शहर औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर बड़े राजनीतिक खेल की तैयारी की गई है। शिवसेना सूत्रों के अनुसार जल्द ही इस आशय का प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पेश हो सकता है। कांग्रेस-एनसीपी के विरोध के बावजूद कैबिनेट में औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने का प्रस्ताव पेश करने के पीछे की मंशा को समझा जा सकता है। सूत्रों की मानें तो यह सारी कवायद औरंगाबाद महानगरपालिका चुनाव में भाजपा को मात देने के लिए हो रही है।

सत्ता के लिए कुछ भी कर सकती है शिवसेना- महाजन

औरंगाबाद का नाम बदलने के मुद्दे पर महाविकास आघाड़ी सरकार में खटास आने की खबर के बीच भाजपा नेता व पूर्व मंत्री गिरीश महाजन ने कहा है कि शिवसेना सत्ता के लिए कुछ भी कर सकती है। उन्होंने अहमनगर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शिवसेना की भूमिका हमेंशा बदलती रहती है। कांग्रेस और शिवसेना का संबंध सीधे तौर पर पूर्व और पश्चिम की दिशा से है। फिर भी शिवसेना सत्ता के लिए कांग्रेस के साथ है। औरंगाबाद नामकरण का मुद्दा सिर्फ चुनाव तक सीमित है।

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