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वाणिज्य मंत्रालय ने की सिफारिश: घरेलू उद्योग को बचाने के लिए स्टील आयात पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगा सकती है सरकार

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नई दिल्ली17 मिनट पहले

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ग्लोबल ट्रेड नियमों के मुताबिक, डंपिंग उत्पादों पर एक न्यायिक बॉडी की ओर से जांच के बाद ही ड्यूटी लगाई जाती है।

जापान, मलेशिया समेत कई देशों की स्टील पर लग सकती है ड्यूटीवाणिज्य मंत्रालय की आर्म DGTR ने जांच के बाद की है सिफारिश

केंद्र सरकार जापान और कोरिया समेत कुछ देशों से निश्चित प्रकार के स्टील आयात पर पांच साल के लिए एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगा सकती है। सस्ते आयातित स्टील से घरेलू उद्योग को बचाने के लिए सरकार यह कदम उठा सकती है।

वाणिज्य मंत्रालय की इन्वेस्टिगेटिंग आर्म ने की सिफारिश

वाणिज्य मंत्रालय ने इसकी सिफारिश की है। मंत्रालय की इन्वेस्टिगेटिंग आर्म DGTR की ओर से जारी एक नोटिफिकेशन में स्टेनलेस स्टील के फ्लैट रोल्ड प्रोडक्ट पर पांच साल के लिए एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने की सिफारिश की है। DGTR ने यूरोपियन यूनियन, जापान, कोरिया, मलेशिया और ताइवान से आयातित स्टील पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने की सिफारिश की गई है।

67 से 944 डॉलर प्रति टन हो सकती है ड्यूटी

डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) की सिफारिशों के मुताबिक, आयातित स्टील पर 67 से 944 डॉलर प्रति टन की एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाई जानी चाहिए। हालांकि, इस संबंध में अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय को लेना है। DGTR का कहना है कि इन देशों की ओर से लगाई जाने वाली कथित डंपिंग ड्यूटी की जांच के बाद ही एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने की सिफारिश की गई है।

घरेलू मैन्युफैक्चरर्स की शिकायतों के बाद की थी जांच

DGTR के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जांच के बाद डायरेक्टोरेट इस नतीजे पर पहुंचा है कि इन देशों से भारत को भेजे जाने वाले सामान की क्वालिटी अपनी नॉर्मल वैल्यू से भी कम होती है। इस कारण इन उत्पादों को डंपिंग की श्रेणी में रखा जाता है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, घरेलू इंडस्ट्री खराब माल की समस्या से जूझ रही है। घरेलू मैन्युफैक्चरर्स की शिकायतों के बाद ही यह जांच की गई है।

क्या होती है एंटी-डंपिंग ड्यूटी

अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्षेत्र में जब कोई देश या फर्म घरेलू बाजार से कम कीमत पर किसी उत्पाद का निर्यात करता है तो उसे डंपिंग कहा जाता है। इससे आयात किए जाने वाले देश में उत्पाद की कीमतों पर असर पड़ता है। साथ ही मैन्युफैक्चरिंग फर्मों का मार्जिन और प्रॉफिट प्रभावित होता है। ग्लोबल ट्रेड नियमों के मुताबिक, घरेलू मैन्युफैक्चरर्स को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए देशों को डंपिंग उत्पादों पर टैरिफ लगाने की अनुमति होती है।

जांच के बाद लगाई जाती है ड्यूटी

ग्लोबल ट्रेड नियमों के मुताबिक, डंपिंग उत्पादों पर एक न्यायिक बॉडी की ओर से जांच के बाद ही ड्यूटी लगाई जाती है। भारत में ऐसी जांच DGTR करती है। वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन की प्रणाली में एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने की अनुमति दी गई है। इस ड्यूटी को लगाने का मकसद फेयर ट्रेड प्रैक्टिस और घरेलू उत्पादों को समान अवसर प्रदान करना है।

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