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नई दिल्ली21 मिनट पहले
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तीनों नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। फोटो सिंघु बॉर्डर की है।
किसान आंदोलन का आज 27वां दिन है। सरकार से बातचीत को लेकर किसान आज मीटिंग करेंगे। इसमें पंजाब और राष्ट्रीय किसान संगठनों के नेता शामिल होंगे। वे तय करेंगे कि सरकार से चर्चा करनी है या नहीं। सरकार की तरफ से रविवार रात किसानों को बातचीत के न्योते की चिट्ठी भेजी गई थी। दूसरी तरफ किसान नेता हन्नान मुला ने कहा कि सरकार दिखावा कर रही है। एजेंडे पर चर्चा नहीं चाह रही। बातचीत करनी है तो हमारे एजेंडे पर ही हो।
‘सरकार पुराने प्रपोपल पर ही बात करना चाहती है’किसानों नेताओं का कहना है कि सरकार ने 5 पेज का गोलमोल प्रपोजल भेजा है। इसमें पुरानी बातों पर ही जोर है। सरकार ने वही पॉइंट भेजे जो 9 दिसंबर के प्रपोजल में थे। सरकार पुराने प्रपोजल पर बातचीत चाहती है। कानून रद्द करने और MSP पर नया कानून लाने की मांग पर चर्चा नहीं चाहती।
अपडेट्स
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि कृषि मंत्री से मीटिंग का न्योता नहीं मिला है। जब तक सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेती, किसान पीछे नहीं हटेंगे। सभी मुद्दे सुलझाने में एक महीने से ज्यादा का वक्त लगेगा। सरकार हमारे पास आएगी।दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर जहां-जहां किसान धरना दे रहे हैं, वहां भूख हड़ताल भी जारी है। हर दिन 11 किसान 24 घंटे के उपवास पर बैठेंगे। वहीं, हरियाणा में 25 से 27 दिसंबर तक टोल फ्री किए जाएंगे।
ठिठुरते किसानों को देख रोना आता है…लिखकर किसान ने पीया जहरतरनतारन से सिंघु बॉर्डर पहुंचे 75 साल के किसान निरंजन सिंह ने सोमवार को सल्फॉस पीकर जान देने की कोशिश की। वे PGI रोहतक में भर्ती हैं। जेब से मिले नोट में लिखा है, किसानों को ठिठुरते देख रोना आता है। सरकार सुन नहीं रही और किसानों की जान जा रही है। कुर्बानी देना चाहता हूं।
‘सरकार जितना दबाएगी, आंदोलन उतना तेज होगा’भाकियू के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि 25 दिसंबर को कनाडा, इंग्लैड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रिया जैसे देश जहां पंजाबियों की संख्या ज्यादा है, वहां की एंबेसी के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। भाकियू दोआबा के प्रधान मंजीत सिंह ने पंजाब में आढ़तियों पर आयकर विभाग की छापेमारी पर कहा कि सरकार जितना दबाएगी, आंदोलन उतना तेज होगा।
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