रांची20 घंटे पहले
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- देश के उत्तरी हिस्से में पारा 7 डिग्री ऊपर
- मानसून 14 दिन से प. यूपी, द. राजस्थान में अटका है, इस कारण गर्मी फिर से बढ़ गई है
मानसून की शुरुआती झमाझम से जो राहत मिली थी, उसे गर्म हवाएं बहा ले गईं। मानसून दो हफ्ते से अटका हुआ है, जिससे गर्मी लौट आई है। उत्तर भारत के राज्यों में पारा सामान्य से 7 डिग्री ऊपर चल रहा है। दरअसल, पाकिस्तान से आने वाली हवाएं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आसमान में मानसूनी हवाओं को दो हफ्ते से रोके हुए हंै। मानसून की बेरूखी से झारखंड भी तप रहा है। माैसम विज्ञान केंद्र, रांची के वैज्ञानिक अभिषेक अानंद ने बताया कि झारखंड के कई हिस्साें में मानसून कमजाेर पड़ गया है।
इस कारण बारिश नहीं हाे रही है। हालांकि, जो सिस्टम बन रहा है, उससे यह संभावना है कि पांच जुलाई के बाद झारखंड में फिर से मानसून सक्रिय हाेगा। इसके बाद मूसलाधार बारिश हाेने के आसार हैं। इस दाैरान वज्रपात हाेने की भी आशंका है। रांची में जून में सामान्य रूप से 213.8 मिमी बारिश हाेती है। लेकिन इस बार अब तक 250.3 मिमी बारिश हाे चुकी है, जाे छह सालाें में सबसे ज्यादा है। अब तक राजधानी में सामान्य से 17 प्रतिशत अधिक बारिश हाे चुकी है।
बड़ी मुश्किल डगर है बारिश करने वाले बादलों की
- पंजाब-हरियाणा-राजस्थान में लगातार पश्चिमी हवाएं चल रही हैं, जिसके चलते मानसून की उत्तरी रेखा का पूर्वी छोर 13 जून और पश्चिमी छोर 19 जून को जहां पहुंचा था, एक जुलाई को भी वहीं ठहरा रहा। अगले 7 दिन भी शायद आगे नहीं बढ़े।
- मानसून रेखा बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अंबाला, अमृतसर में बीते दो हफ्ते से अटकी हुई है। इस बार मानसून दस्तक देने के 10वें दिन ही चार राज्यों को छोड़ देश के 80% भूभाग में छा गया था। अब आगे नहीं बढ़ रहा है।
- आईएमडी के मुताबिक, मानसून के दौरान जून में देश में 16.7 सेमी बारिश होती है, इस बार 18.3 सेमी हुई है। यानी मानसून के पहले माह में सामान्य से 10% ज्यादा बारिश हुई है। मध्य भारत में सर्वाधिक 17% ज्यादा बारिश हुई है।
- डॉ. महापात्र ने बताया कि जुलाई में उत्तर भारत में सामान्य से कम और शेष भारत में सामान्य बारिश की संभावना है।
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