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नई दिल्ली9 घंटे पहले
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पहला छठ स्नान
- पहले दिन ‘नहाय-खाय’ से पर्व की शुरुआत, 21 नवंबर तक चलेगा सूर्य उपासना का ये महापर्व
- दिल्ली, मुंबई और ओडिशा में सार्वजनिक स्थलों पर पूजा पर रोक लगने पर हावी हुई
सूर्य उपासना का महापर्व छठ बुधवार से ‘नहाय-खाय’ के साथ शुरू हो गया। पर्व 21 नवंबर तक चलेगा। संतान की सुख समृद्धि, दीर्घायु की कामना के लिए मनाए जाने वाले इस पर्व पर गंगा में डुबकी लगाते श्रद्धालुओं की ये तस्वीर बिहार के बेगूसराय की है। स्नान-पूजा शृद्धालुओं ने कद्दू-भात का प्रसाद ग्रहण किया। गुरुवार को खरना पूजन (लोहंडा) होगा।
कोरोना महामारी के चलते छठ पर्व को लेकर ‘आस्था की राजनीति’ गरमा रही है। दिल्ली-मुंबई-ओडिशा में सार्वजनिक स्थलों पर पूजा पर रोक है। देश की राजधानी में तो दिल्ली सरकार के फैसले को बरकरार रखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने सार्वजनिक स्थलों पर पूजा की अनुमति देने से मना कर दिया है। महाराष्ट्र में समुद्र और नदी किनारे या तालाब में पूजा करने पर रोक है।
लोगों से घरों में पूजा करने के लिए कहा गया है। ओडिशा में नदी में नहाने पर प्रतिबंध लग गया है। भाजपा या एनडीए शासित राज्यों में आंशिक प्रतिबंध लगाकर लोगों से घर पर ही छठ मनाने की अपील की गई है। इस बीच, छठ पर सार्वजनिक स्थलों पर रोक को लेकर दिल्ली में आप सरकार और भाजपा आमने-सामने हैं। वहीं, महाराष्ट्र में भी पूजा को लेकर उद्धव ठाकरे की सरकार और भाजपा के बीच तकरार हो रही है।
इन राज्यों में आंशिक प्रतिबंध
- हरियाणा- सार्वजनिक स्थलों पर इकट्ठे नहीं हो सकते।
- पंजाब, पश्चिम बंगाल, झारखंड- गाइडलाइन के तहत पूजा की जा सकती है।
- गुजरात, उत्तरप्रदेश, बिहार- लोगों से घर पर पूजा करने की अपील।
शराब बिकेगी, पूजा नहीं कर सकते
अपने लोगों से गाइडलाइन केंद्र से मांगने का ड्रामा करवा रहे हैं। 24 घंटे शराब परोसने की मंजूरी किस गाइडलाइन को फॉलो कर ली थी।’ -मनोज तिवारी, दिल्ली से भाजपा सांसद
वायरस फैल सकता है, इसलिए प्रतिबंध
छठ पूजा में बड़े आयोजनों से वायरस आसानी से फैल सकता है, इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।’ -सत्येंद्र जैन, स्वास्थ्य मंत्री, दिल्ली
हाईकोर्ट ने कहा: अभी मंजूरी देना, संक्रमण तेजी से बढ़ने की अनुमति देने जैसा
जस्टिस हिमा कोहली और सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने दिल्ली सरकार के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा, ‘इस समय अनुमति देना कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने का कारण साबित हो सकता है। ऐसी याचिका जमीनी हकीकत से कोसों दूर है।’
फैसला उस याचिका को खारिज करने के बाद आया, जिसमें दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष के आदेश को चुनौती दी गई थी। आदेश था कि घाट या तालाब किनारे पूजा नहीं की जा सकेगी।