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अमेरिका में चुनाव परिणाम के बाद हिंसा की आशंका, ट्रंप के घर और व्हाइट हाउस की सुरक्षा बढ़ाई

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, न्यूयॉर्क Updated Wed, 04 Nov 2020 10:40 AM IST

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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम आने के बाद हिंसा की आशंका है। इसे देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। व्हाइट हाउस और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के न्यूयॉर्क के मैनहटन स्थित ‘ट्रंप टावर’ को किले में बदल दिया गया है। बड़ी संख्या में हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों ने अपने ट्रकों के साथ ट्रंप टॉवर को घेर लिया है।

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चुनाव परिणाम के बाद हिंसा की आशंका को लेकर अमेरिकी जनता सहमी हुई है। वाशिंगटन से लेकर शिकागो तक में बड़े-बड़े शो रूम, मंत्रालय, विभागों को प्लाईवुड से बंद कर दिया गया है। वहीं एतियातन दुकानों और बाजारों को बंद किया जा रहा है। सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई है। 
ब्लैक लाइव्स मैटर के लोगों ने किया प्रदर्शन  मंगलवार दोपहर में ही ट्रंप टावर के सामने प्रदर्शनकारी जमा हो गए थे। यही नहीं मैनहटन के अन्य इलाकों में भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो गए हैं। न्यूयॉर्क पुलिस विभाग के प्रमुख ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी है। उधर, शहर के मेयर बिल डी ब्लासियो ने दावा किया है कि बिजनस प्रतिष्ठानों को लूट की घटना से डरने की जरूरत नहीं है। इससे पहले, ट्रंप के विरोधी ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ के लोगों ने यहां पर जमकर प्रदर्शन किया था। इसमें दुकानों को काफी नुकसान पहुंचा था।

न्यूयॉर्क में प्रदर्शनकारी जमा
न्यूयॉर्क पुलिस ने कहा है कि मैनहटन इलाके के कुछ हिस्सों को बंद किया जा सकता है। इस इलाके में अगर लूट की घटना हुई, तो किसी भी कार या पैदल जाने वाले लोगों को अनुमति नहीं होगी। न्यूयॉर्क के जिन इलाकों में प्रदर्शनकारी जमा हैं, वहां पर हजारों की तादाद में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। पुलिस ने अपने ट्रकों में बालू भर रखा है। इन वाहनों को इसलिए तैनात किया गया है ताकि अगर प्रदर्शनकारियों की भीड़ बढ़े तो उसे गाड़ियों के बैरियर के जरिए रोका जा सके।

दुकानदारों ने किए सुरक्षा उपाय 
व्हाइट हाउस के लिए डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रतिद्वंदी जो बाइडेन के बीच हो रही यह दौड़ अब तक की सबसे कड़वाहट और आरोप-प्रत्यारोप भरी मानी जा रही है। चुनाव के दिन हिंसा, लूटपाट और झड़प की आशंकाओं के बीच मैनहट्टन के पॉश फिफ्थ एवेन्यू की दुकानों के साथ ही शहर के अन्य इलाकों में भी दुकानदार सुरक्षा उपाय करते नजर आए।

इलेक्शन ऑफ अ लाइफटाइम 
बता दें कि यह कुछ ऐसा ही था, जो जॉर्ज फ्लॉएड की मौत के बाद गर्मियों में हुए प्रदर्शनों के दौरान देखा गया था। अमेरिका में वैसे तो हर चार साल बाद राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होते हैं, लेकिन 2020 के राष्ट्रपति चुनावों को ‘इलेक्शन ऑफ अ लाइफटाइम’ करार दिया जा रहा है और बेहद कड़वाहट भरे चुनाव प्रचार के दौर के बाद इसे लेकर पूरे अमेरिका में अभूतपूर्व डर और बेचैनी है।

नतीजों से पहले बंदूकों की रिकॉर्ड बिक्री 
अमेरिका में असुरक्षा की भावना का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि चुनाव से पहले रिकॉर्ड बंदूकों की बिक्री हुई है। बंदूक खरीदने वाले 50 लाख लोगों ने बताया कि उन्होंने जिंदगी में पहली बार अपने हाथ में बंदूक थामी है। इनमें भी अश्वेत सबसे ज्यादा हैं। करीब 40% महिलाएं हैं। अकेले सितंबर में 18 लाख बंदूकें खरीदी गईं। यह पिछले साल से 66% ज्यादा है। अमेरिका में हर 100 नागरिक पर 120.5 बंदूकें हैं। जिसने नतीजे के दिन एकतरफा नतीजा आने पर हिंसक झड़प और गृहयुद्ध का खतरा पैदा होने की आशंका को बढ़ा दिया है।

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