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40 साल पुराने डीएनए सैम्पल से जंगली घोड़े की विलुप्त प्रजाति को दोबारा विकसित किया, नाम रखा कर्ट

21 घंटे पहले

  • 1975 में जन्मे इस प्रजाति के घोड़े का डीएनए सैम्पल 1980 में सुरक्षित रख लिया गया था
  • सरोगेसी की मदद उसी सैम्पल से नए घोड़े कर्ट का जन्म हुआ, दुनियाभर में इस प्रजाति के 2 हजार से भी कम घोड़े हैं

वैज्ञानिकों ने पहली बार 40 साल पुराने डीएनए से प्रजेवाल्स्की प्रजाति का घोड़ा तैयार किया है। इसका नाम कर्ट रखा गया है। यह जंगली घोड़े की आखिरी प्रजाति है। कर्ट का जन्म सरोगेसी की मदद से 6 अगस्त को टेक्सास के टिम्बर क्रीक वेटरनरी में हुआ। प्रजेवाल्स्की विलुप्तप्राय प्रजाति है। कर्ट के पूर्वज कूपरोवॉयस का डीएनए सैम्पल 1980 में सुरक्षित रखा गया था।

1969 में जंगलों में दिखती थी यह प्रजाति

वैज्ञानिकों का कहना है, कर्ट अपनी प्रजाति को बढ़ाने में मदद करेगा और इससे जेनेटिक डायवर्सिटी को बढ़ावा मिलेगा। करीब 40 साल पहले इस प्रजाति के घोड़े चिड़ियाघर और वाइल्डलाइफ पार्क में दिखते थे। दुनियाभर में इस प्रजाति के 2 हजार से भी कम घोड़े हैं। इन्हें आखिरी बार जंगलों में घूमते हुए 1969 में देखा गया था।

कर्ट का पूर्वज ब्रिटेन में जन्मा और अमेरिका में पला बढ़ा

कर्ट को जन्म देने के लिए सेनडिएगो जू ग्लोबल ने रिवाइव एंड रिस्टोर संस्था के साथ मिलकर प्रयोग किया है। सेनडिएगो जू ग्लोबल के मुताबिक, जिस पूर्वज के डीएनए सैम्पल से कर्ट को तैयार किया गया है, उसका जन्म 1975 में ब्रिटेन में हुआ था। बाद में उसे 1978 में अमेरिका में ट्रांसफर किया गया था। 1998 में उसकी मौत से पहले डीएनए को सैनडिएगो जू ग्लोबल फ्रोजेन जू में सुरक्षित कर लिया गया था।

अपनी सरोगेट मां के साथ कर्ट।

अपनी सरोगेट मां के साथ कर्ट।

क्लोनिंग तकनीक से प्रजाति बचाई जा सकती है

रिवाइव एंड रीस्टोर संस्था के डायरेक्टर रेयान फेलान कहते हैं, जिस एडवांस रिप्रोडक्टिव तकनीक ‘क्लोनिंग’ से कर्ट का जन्म हुआ है उसकी मदद से विलुप्ति की कगार पर खड़ी प्रजातियों को बचा सकते हैं। उनके सबसे करीब पूर्वज की मदद से इन्हें वापस लाया जा सकता है।

अब अपनी प्रजाति को बचाने का जिम्मा कर्ट पर

चीफ साइंस ऑफिसर शॉन वाल्कर के मुताबिक, कर्ट स्वस्थ है और उसे सरोगेट मां से दूध उपलब्ध कराया जा रहा है। जब कर्ट बड़ा हो जाएगा तो उसे सैन डिएगो जू सफारी भेजा जाएगा। उसे यहां के ब्रीडिंग प्रोग्राम में शामिल करके इस प्रजाति के और घोड़ों का जन्म कराया जा सकेगा।

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