कानपुर3 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
बिकरु कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे को पुलिस ने उज्जैन से पकड़ा था। हालांकि उसे वापस लाते समय कानपुर के पास एसटीएफ की गाड़ी पलट गई। विकास ने भागने की कोशिश की लेकिन एसटीएफ ने उसे मार गिराया था। फाइल फोटो
- दो जुलाई की रात कानपुर के बिकरु में हुई थी विकास दुबे और पुलिस के बीच मुठभेड़
- मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे, बाद में हुई मुठभेड़ में मारा गया था विकास दुबे
कानपुर में 2 जुलाई की देर रात बिकरु गांव में आठ पुलिसवाले शहीद हो गए थे। घटना का मास्टर माइंड और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे भी बाद में एसटीएफ के हाथों मारा गया था। इस मामले में अब तक 35 आरोपी पकड़ जा चुके हैं। आरोपियों को पुलिस कड़ी सजा दिलाने की कवायद में जुटी है। इसके लिए अब राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने की तैयारी की जा रही है। आरोपियों की फाइल तैयार कर रासुका की प्रक्रिया को लगभग पूरा कर लिया गया है।
बिकरु कांड को लेकर पुलिस हर कदम सावधानी के साथ आगे बढ़ा रही है। वह ऐसी कोई भी कमी मुकदमे में नहीं छोड़ना चाहती, जिससे जेल में बंद आरोपियों को आराम से जमानत मिल सके। पुलिस सूत्रों की माने तो चौबेपुर पुलिस ने उच्च अधिकारियों के निर्देश पर रासुका लगाने की तैयारी हो रही है। जैसे-जैसे आरोपी कोर्ट में जमानत की अर्जी डालेंगे, पुलिस कोर्ट में मजबूत पक्ष रखते हुए जमानत खारिज कराने का पूरा प्रयास करेगी। मुकदमे में रासुका लगने के बाद किसी भी आरोपी को आसान नहीं होगा कि वह कोर्ट आसानी से जमानत ले सके।
अब तक हुई 35 की गिरफ्तारी
बिकरु कांड में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले में पुलिस ने अब तक 23 आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेजा है और 12 लोगों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था। गिरफ्तार हुए आरोपियों में शांति देवी,तत्कालीन थाना प्रभारी विनय तिवारी और चौकी प्रभारी केके शर्मा की ओर से न्यायालय में जमानत की अर्जी लगाई गई थी। लेकिन कोर्ट ने तीनों अर्जियां निरस्त कर दी थीं। इसके बाद से किसी भी आरोपी ने अभी तक कोई भी नई अर्जी जमानत की दाखिल नहीं की है।
0