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- The Seventh Death Due To Corona Infection In The City, The Death Rate Is 12.06%, The Percentage Of Deaths Is More Because We Are Hiding The Merge.
नागदा3 घंटे पहले
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- बड़ा कारण : लोगों को संक्रमण के लक्षण नजर आने के बाद भी इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाना, लक्षण बढ़ने पर हो जाती देर
कोरोना संक्रमण के कारण अकेले शहर में ही बुधवार तक सात मौतें हो चुकी है। ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डाॅ. कमल सोलंकी के अनुसार अब तक नागदा में कुल 58 पॉजिटिव केस मिले हैं। इसमें से सात मौतें हो चुकी है। अगर कुल पॉजिटिव मरीज में से मौत के आंकड़ों को देखा जाए ताे शहर में कोरोना मृत्युदर का प्रतिशत 12.06 पर पहुंच गया है। जो संभवत जिले में सबसे अधिक है।
कोरोना विशेषज्ञ डॉ. संजीव कुमरावत ने बताया मृत्यु का प्रतिशत बढ़ने का एक बड़ा कारण संक्रमण के लक्षण नजर आने के बाद भी इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाना है। जब हालात अधिक बिगड़ती है, तब परिजन मरीज को लेकर भागते हैं, मगर तब तक देर हो जाती है। डॉ. कुमरावत के अनुसार अगर नागरिक जागरूक हो जाए और लक्षण भर नजर आने पर सैंपल देने के लिए आगे आएं तो पॉजिटिव केसाें की संख्या भी बढ़ेगी, समय रहते उनका उपचार भी किया जा सकेगा, तभी मृत्युदर के प्रतिशत का ग्राफ भी कम हो सकेगा।
पिता को इलाज के लिए इंदौर लेकर गया बेटा संक्रमण की चपेट में आया, मौत
प्रकाशनगर क्षेत्र का एक 48 वर्षीय युवक पिता के बीमार होने पर इलाज के लिए इंदौर लेकर गया था। वहां से तीन दिन पहले ही वह शहर लौटा था। यहां आते ही वह बीमार हो गया। अस्पताल में जांच में पता चला कि वो कोरोना पॉजिटिव है। बुधवार को इलाज के दौरान बेटे की इंदौर में मौत हो गई। इंदौर में ही वह कोरोना संक्रमण की चपेट में आया।
गाइड लाइन का पालन नहीं…कोरोना से दम तोड़ने वालों में अधिकांश बुजुर्ग
शहर में अब तक कोरोना संक्रमण से हुई सात मौत में से बुधवार को ही एक 50 साल के भीतर के व्यक्ति की मौत हुई है। शेष सभी 6 मौतें अधिक उम्र वालों की हुई है। ऐसे में अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम कोरोना गाइड लाइन का सख्ती से पालन करें… क्योंकि हमारी लापरवाही से हमारे बुजुर्गों का साया हमारे सिर से उठ रहा है।
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