वाराणसीएक घंटा पहले
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गंगा का जलस्तर बढ़ने से जलमग्न हुए घाट।
- शवदाह के लिए आये लोगो को उठानी पड़ रही परेशानी
- शवदाह करने के लिए बने प्लेटफार्म भी गंगा में डूबे
उत्तर प्रदेश के काशी में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। बढ़ते जलस्तर से लोगों की जिंदगी पर असर डाला है। गंगा खतरे के निशान के करीब बढ़ रही हैं। गंगा के रौद्र रूप ने गंगा घाट की सीढ़ियों को डुबा दिया है। नावों का संचालन तो पहले ही बंद किया जा चुका है। साथ ही अब शवदाह पर असर पड़ रहा है। दूसरी ओर दशाश्वमेध घाट स्थित शीतला माता मंदिर की मुख्य सीढि़यां पूरी तरह डूब चुकी हैं।
छोटे बडे़ मंदिरों में प्रवेश कर चुका है पानी
गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण घाट जलमग्न हो गए है। घाट किनारे स्थित सैकड़ों छोटे बड़े मंदिरों को गंगा का पानी प्रवेश कर चुका है। यहां के दोनों श्मशान घाट के प्लेटफार्म डूब गए है। हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह गलियों में करना पड़ रहा है तो मणिकर्णिका घाट पर केवल 10 प्लेटफार्म छत पर बचे हैं। जौनपुर,भदोही,मिर्जापुर, ग़ाज़ीपुर, सोनभद्र,बलिया,गोरखपुर पूर्वांचल के तमाम जिलों से लोग यहां शवदाह को आते हैं।
बाढ़ का पानी मंदिरों में भी प्रवेश कर गया है।
अंतिम संस्कार गलियों में लोगो को हो रही परेशानी
हरिश्चन्द्र घाट में अब सीढ़ियों पर भी पूरी तरह से पानी आ चुका है। जिसकी वजह से अब हरिश्चन्द्र घाट की गलियों में शव को जलाना पड़ रहा है। शवदाह करने वाले पवन चौधरी बताते हैं कि गलियों में शव जलाने की वजह से गलियों में रहने वाले लोग काफी दिक्कतें आ रही हैं।
डोम परिवार के लोगों को आने जाने में दिक्कतें हो रही हैं। प्लेटफार्म भी जलमग्न हो गया है, जिसके कारण अब श्मशान घाट पर कम जगह में ही शव दाह किया जा रहा है। रोज करीब यहां 60 से 70 शव आते हैं। ऐसी स्थिति रहेगी तो लोगों को शव जलाने के लिए आगे इंतजार करना पड़ेगा।
गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से शवों को अब छतों पर जलाया जा रहा है।
मणिकर्णिका घाट पर छतों पर शवदाह किया जा रहा है
भदोही जिले से शवदाह करने आए प्रदीप गुप्ता ने बताया कि उन्हें कई घण्टों के इंतज़ार के बाद शव जलाने के नम्बर आया है। स्थिति ये है कि शव यात्रियों के बैठने खड़े होने की जगह नहीं है। मणिकर्णिका घाट पर रहने वाले रूपेश कुमार तीर्थ पुरोहित ने बताया कि शवों को जलाने में अब लगभग 4 घण्टे इंतज़ार करना पड़ रहा है। पहले लोग बाइक से घाट तक आ जाते थे। अब आना मुश्किल है।
जौनपुर के शव यात्री राजेन्द्र सिंह ने कहा कि बाढ़ की वजह से घण्टों इंतज़ार करना पड़ा और यहां पर अब शव जलाने की जगह नहीं मिल पा रही है। गंगा का जलस्तर 67.92मीटर पहुंच गया है। चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर है। वहीं वरुणा किनारे रहने वाले लोग अब पलायन की तैयारी में है।
बाढ़ से जलमग्न मणिकर्णिका घाट का इलाका।
बाढ़ का पानी मंदिरों में प्रवेश कर गया है जिसकी वजह से लोगों को वहां तक पहुंचने के लिए नावों का सहारा लेना पड़ रहा है।
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