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- Doc Died In Suspicious Circumstances In Delhi, 3 Elder Sisters Send Burying Only One Brother To Sehra On His Shoulders
नई दिल्ली4 घंटे पहले
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- एमडी के कोर्स के साथ दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में नौकरी कर रहा था विकास
जालंधर के गांव पद्दी जागीर शनिवार को दिलदहला देने वाला मंजर देखने को मिला। जिसने भी यह सब देखा रोने को मन हुआ, लेकिन रो नहीं पाया। असल में तीन बहनों के इकलौते छोटे भाई एक डॉक्टर की दिल्ली में संदिग्ध हालात में मौत हो गई। कुंवारा होने के चलते उसे रस्म के अनुसार सेहरा बांधकर बहनों ने अपने कंधों पर विदा किया। तीनों बहनें उसकी पसंदीदा कविता ‘मेरी मौत पर ना रोइयो–मेरी सोच को बचाइयो’ बोलती नजर आई। पद्दी जागीर में तीन बहनों का इकलौता भाई विकास लाखा पुत्र सुरिंदर लाखा परिवार की आर्थिक तंगियों से गुजरते हुए एमबीबीएस कर चुका था।
इसके बाद एमडी कोर्स के साथ-साथ दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में नौकरी भी कर रहा था। इससे पहले कि एमडी फाइनल कर पाता बीते शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। बताया जाता है कि डॉ. विकास का दिल्ली में कोरोना टेस्ट भी करवाया गया था, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई थी। अचानक संदिग्ध हालात में मौत हो जाने के बाद शनिवार को शव पैतृक गांव में लाया गया। माहौल उस समय गमगीन हो गया, जब तीन बहनों शीतल, अनीता और प्रवीण ने अपने इकलौते छोटे भाई की अर्थी को कंधा और चिता को मुखाग्नि दी। उन्होंने डॉ. विकास को बहनों ने दूल्हा बनाकर विदा किया। इस दौरान राजनैतिक, सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारियों, सेहत, शिक्षा विभाग और बिजली निगम के कर्मचारियों के साथ इलाकेभर के पंच-सरपंचों और प्रियजनों की आंखें नम थी। बावजूद इसके डॉ. विकास के चाहने वालों ने उनकी पसंदीदा और मुंह से बोली हुई एक कविता ‘मेरी मौत पर ना रोइयो–मेरी सोच को बचाइयो’ बोलकर अंतिम विदाई दी।
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