May 19, 2024 : 9:06 PM
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आशा वर्करों का नहीं चलता 4 हजार में गुजारा, 17 दिनों से बैठी हैं धरना पर

फिरोजपुर झिरका4 घंटे पहले

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  • मांग है कि कम से कम उन्हें सरकार उन्हें डीसी रेट दिया जाए

आशा वर्कर यूनियन का अस्पताल परिसर मांडीखेड़ा में 17 दिनों से धरना जारी है। आशा वर्कर्स का कहना है उन्हें प्रति माह 4000 रुपए मेहनताना के तौर पर मिलता है, जिसमें एक परिवार का गुजारा और बच्चों की पढ़ाई का खर्च पूरा नहीं होता। इसलिए सरकार उन्हें डीसी रेट दे। जिससे वह भी अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने में कामयाब हो सके। आशा वर्कर महरम, मीना, सुनीता, असगरी, शहजादी ने बताया कि हम बहुत परेशान हैं। गांवों में एक हजार की जनसंख्या पर काम करती हैं।

कोरोना महामारी में दिन रात काम किया है। गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण, बच्चों के टीके, संस्थागत प्रसव, सर्वे व अन्य कार्य हर महीने करते हैं। पोलियो प्रोग्राम में भी ड्यूटी लगती है। काम बहुत है फिर भी वेतन नहीं बढ़ रहा। मेवात जिले में 1000 से अधिक आशा वर्कर हैं।सभी की यह मांग है कि कम से कम उन्हें डीसी रेट दिया जाए। अन्यथा यह निश्चित कालीन धरना चलता ही रहेगा। टीकाकरण व अन्य सेवाएं इसी प्रकार बाधित होती रहेंगी।

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