स्टॉकहोम3 घंटे पहले
एंटी मुस्लिम नेता रास्मुस पालुदान को स्वीडन में 2 साल के लिए बैन किए जाने के बाद यहां के माल्मो शहर में शुक्रवार और शनिवार को दंगे हुए। इस दौरान आगजनी और पत्थरबाजी हुई।
- स्वीडन में एंटी मुस्लिम डैनिश नेता रास्मुस पालुदान रैली करना चाहते थे
- सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी, इसके बाद माल्लो शहर में दंगा भड़क गया
स्वीडन के माल्मो शहर में शुक्रवार के बाद शनिवार को भी दंगे हुए। पुलिस ने शनिवार को सख्ती दिखाई। दंगाइयों को खदेड़ दिया गया। बाद में 10 लोगों को हिंसा, आगजनी और पत्थरबाजी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के मुताबिक, डेनमार्क के रहने वाले एंटी मुस्लिम नेता रास्मुस पालुदान माल्मो में रैली करना चाहते थे। प्रशासन ने इसकी मंजूरी नहीं दी। इसके बाद पालुदान के समर्थकों और दूसरे पक्ष के लोगों के बीच हिंसक झड़पें हुईं।
पुलिस पर हमला
पालुदान के समर्थकों और दूसरे पक्ष के लोगों के बीच हिंसा के दौरान पुलिस उन्हें अलग करने पहुंची। इस दौरान पुलिस पर ही हमला कर दिया गया। कुछ पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल और एंटी टेरर फोर्स को तैनात किया गया। बाद में जांच के दौरान 10 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई।
तनाव बढ़ सकता था
पालुदान डेनमार्क के कट्टरपंथी नेता हैं। उन्हें एंटी मुस्लिम नेता माना जाता है। पालुदान माल्मो में रैली करना चाहते थे। पुलिस और प्रशासन को आशंका थी कि अगर पालुदान को रैली की मंजूरी दी गई तो इलाके में तनाव और हिंसा फैल सकती है। लिहाजा, डैनिश नेता को रैली की मंजूरी नहीं दी गई। इससे उनके समर्थक नाराज हो गए और उन्होंने हिंसा शुरू कर दी।
दो साल स्वीडन नहीं आ सकेंगे पालुदान
स्वीडन सरकार ने डैनिश नेता पालुदान को स्वीडन में दो साल के लिए बैन कर दिया है। पालुदान की रैलियों में बड़े पैमाने पर लोग जुटते हैं। उनके भाषण भी भड़काउ होते हैं। वो माल्मो में शुक्रवार को ही रैली करना चाहते थे और इसी दिन जुमे की नमाज होती है। प्रशासन ने रैली की मंजूरी इसीलिए नहीं दी क्योंकि इससे हिंसा भड़कने का खतरा था। माल्मो स्वीडन का तीसरा बड़ा शहर है। इसकी आबादी करीब 3 लाख 20 हजार है। ज्यादातर आबादी विदेशी मूल की है।