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- Madhya Pradesh Rain Latest News, Shajapur Rescue Operations Updates; 4 People Drown In Parvati River
सीहोर22 मिनट पहले
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भोपाल से सीहोर पहुंची होमगार्ड की टीम पार्वती नदी में राहत और बचाव कार्य कर रही है।
- पांचों लड़कियों को नदी में बहता देख पिता ने छलांग लगाई, दोनों भतीजी को निकाला
- एक भतीजी की बाद में मौत हो गई, दूसरी भतीजी को अस्पताल भेजा गया
भोपाल से सटे सीहोर जिले में सोमवार दोपहर एक पिता के सामने उसकी तीन बेटियां और दो भतीजी पार्वती नदी में डूब गईं। पिता ने नदी में छलांग लगाई और बचाने की कोशिश की। उसने अपने भाई और साले की बेटियों को बाहर निकाल लिया, लेकिन उनमें से एक की ही जान बच पाई। मरने वाली लड़की की उम्र 17 साल और गायब होने वाली लड़कियां 10 से लेकर 17 साल के बीच की हैं। भोपाल से राहत और बचाव कार्य के लिए विशेष टीम पहुंची। देर शाम दो शवों को गोताखोरों की मदद से नदी से निकाल लिया गया। एक बच्ची का शव नहीं मिल पाया था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए भोपाल से बचाव दल को भेजा गया है।
सीहोर के एएसपी समीर यादव के अनुसार, मंडी थाना क्षेत्र में मूंडला गांव है। यहां रेलवे पुल के नीचे से पार्वती नदी बहती है। दोपहर करीब 1 बजे गांव में रहने वाले मुबीन खा अपनी तीन बेटियों 10 साल की सानिया, कहकशां और मनतसा के अलावा उनके भाई अंसार मियां की 17 साल की बेटी आबसार और 16 साल की मुनिया के साथ नहाने पहुंचे। रेलवे पुल के नीचे वे बच्चियों के साथ नहाने लगे।
पुलिस घटना के बाद परिजनों से बातचीत करते हुए।
दोपहर 1 बजे की घटना, देर शाम मिलीं लाशें
इसी दौरान तेज बहाव में लड़कियां बहने लगीं। मुबीन खां ने छलांग लगाते हुए दो बच्चियों को किसी तरह पानी के बाहर निकाला, लेकिन तीन लड़कियां गायब हो गईं। मुनिया की जान तो बच गई, लेकिन आबसार की जान नहीं बच सकी थी। मुबीन ने दोबारा पानी में छलांग लगाई, लेकिन उनकी बेटियों का कुछ पता नहीं चला। सूचना मिलते ही भोपाल होमगार्ड की टीम राहत और बचाव कार्य में जुट गई थी। शाम 5 बजे के बाद ही दो के शव निकाले जा सके। एक की तलाश जारी थी।
सूचना मिलते ही सीहोर पुलिस और होमगार्ड की टीम बचाव कार्य करने लगी थी, लेकिन बाद में भोपाल से विशेष टीम को बुलाया गया।
बेटियां मेरे पीछे-पीछे आ रही थीं
मुबीन ने बताया कि मैं आगे-आगे जा रहा था, जबकि पांचों पीछे-पीछे आ रही थीं। मुझसे बोली पापा आप रुको हम तैरकर आते हैं। किसी को भी तैरना नहीं आता था। उनके पानी में तैरने का प्रयास करते ही पांचों यहां-वहां डूबने लगी। मैंने किसी तरह दो को तो पकड़कर किनारे कर दिया, लेकिन मेरी तीनों बेटियां बह गईं। उनका कुछ पता नहीं चला।
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