May 7, 2024 : 8:37 PM
Breaking News
राष्ट्रीय

कश्मीर में लोग इस जिले का चक्कर लगा रहे हैं, फोन अपडेट करने, फॉर्म और जीएसटी भरने, तो कुछ पबजी खेलने के लिए यहां आ रहे हैं

  • Hindi News
  • Db original
  • The Authorities Restored 4G Internet Services In Ganderbal And Udhampur District Of Jammu And Kashmir On Trial Basis.

श्रीनगर37 मिनट पहलेलेखक: सुहैल ए शाह

  • कॉपी लिंक

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर और गांदरबल जिलों में रविवार रात 9 बजे से 4G इंटरनेट सेवाएं ट्रायल के तौर पर बहाल कर दी गई। 8 सितंबर तक केंद्र सरकार की विशेष टीम दोनों जिलों में निगरानी रखेगी।

  • गांदरबल में 17 अगस्त से 2 महीने के ट्रायल के रूप में 4जी इंटरनेट शुरू हो गया है, हालांकि ये सिर्फ पोस्टपेड कनेक्शन के लिए ही है
  • इस जिले में आतंकवाद न होना शायद इसे ट्रायल के लिए चुनने का सबसे बड़ा कारण है, गांदरबल लंबे समय से कश्मीर के सबसे शांत जिलों में गिना जाता है
  • नेशनल कॉन्फ्रेंस के गढ़ गांदरबल में पिछले 5 सालों में सिर्फ दो स्थानीय लड़के आतंकवादी बने हैं, इस इलाके में कभी प्रदर्शन और पत्थरबाजी भी नहीं हुई

श्रीनगर में कपड़े की दुकान चलाने वाले जुनैद नबी को अपना जीएसटी भरने में कई घंटे, और कभी कभी कई दिन भी लग जाते थे। क्योंकि, जम्मू कश्मीर में करीब पांच महीने इंटरनेट बंद रहने के बाद, इस साल 25 जनवरी से सिर्फ 2जी सेवाएं ही चल रही हैं। जुनैद कहते हैं, 2-जी स्पीड पर जीएसटी भरना बहुत मुश्किल काम है, इसमें काफी वक्त लगता है। उन्होंने गुरुवार को अपनी मोटरसाइकिल उठाई और श्रीनगर से 18 किलोमीटर दूर गांदरबल पहुंच गए। वे आधे घंटे से कम समय में अपना टैक्स भरकर वापस आ गए।

8 सितंबर तक केंद्र सरकार की विशेष टीम दोनों जिलों में निगरानी रखेगी। उसके बाद यह तय किया जाएगा कि इसे आगे जारी रखा जाए या नहीं।

8 सितंबर तक केंद्र सरकार की विशेष टीम दोनों जिलों में निगरानी रखेगी। उसके बाद यह तय किया जाएगा कि इसे आगे जारी रखा जाए या नहीं।

अब सवाल उठता है कि वे गांदरबल क्यों गए? दरअसल 17 अगस्त को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने यूनियन टेरिटरी के दो जिले, गांदरबल और ऊधमपुर को हाईस्पीड इंटरनेट सेवाएं फिर से चालू करने के लिए ट्रायल के रूप में चुना है। प्रिंसिपल सेक्रेटरी शालीन काबरा के नाम से जारी एक ऑर्डर में कहा गया है, ‘यह सेवाएं ट्रायल बेसिस पर शुरू की जा रही हैं और सिर्फ पोस्ट पेड सिम पर ही चलेंगी।’

सरकार के मुताबिक, दो महीने बाद हालात का जायजा लेने के बाद यय किया जाएगा कि सेवाएं चलती रहेंगी या नहीं। साथ ही बाकी जिलों में यह सेवाएं कब शुरू की जा सकती हैं, इस पर भी विचार किया जाएगा। हालांकि यह फैसला प्रशासन का है और गांदरबल को चुनने की कोई खास वजह नहीं बताई गयी है, लेकिन इस जिले में आतंकवाद न होना शायद सबसे बड़ा कारण है। गांदरबल के एसपी, खलील पोशवाल के मुताबिक उनके जिले में इस समय कोई आतंकवादी सक्रिय नहीं है। उनके रिकॉर्ड्स में इसकी कोई एंट्री नहीं है। वो कहते हैं कि गांदरबल को चुनने के पीछे यहां की लॉ एंड ऑर्डर सिचुएशन, पिछले कुछ वक्त में आतंकवादी घटनाएं और वहां का माहौल हैं।

एक एनजीओ ने जम्मू-कश्मीर में हाईस्पीड इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी और इस मामले को देखने के लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया गया।

एक एनजीओ ने जम्मू-कश्मीर में हाईस्पीड इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी और इस मामले को देखने के लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया गया।

पोशवाल कहते हैं पुलिस हालात पर कड़ी नज़र रखी है और लोगों से भी 4जी सेवाओं का दुरुपयोग नहीं करने की अपील की गई है। फिलहाल सब कंट्रोल में है और आगे भी ऐसा ही रहने की उम्मीद है। लगभग 3 लाख की आबादी वाला यह जिला 2007 में श्रीनगर से अलग कर बनाया गया था और लंबे समय से कश्मीर के सबसे शांत जिलों में इसकी गिनती होती है। जहां दक्षिण कश्मीर, श्रीनगर और बाकी जगहों पर आतंकवादी घटनाएं आए दिन होते रहती हैं, वही यहां पिछले 5 सालों में सिर्फ दो स्थानीय लड़के ही आतंकवादी बने हैं। और वो भी दोनों दक्षिण कश्मीर चले गए थे और वहीं एनकाउंटर में मारे गए। आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ की भी इक्का-दुक्का घटनाएं ही हुई हैं। इस इलाके में कभी प्रदर्शन और पत्थरबाजी भी नहीं हुई।

यह जिला नेशनल कॉन्फ्रेंस का गढ़ माना जाता रहा है। 1977 से अब तक हुए 7 विधानसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस यह सीट सिर्फ एक बार 2002 में हारी है। पहले शेख अब्दुल्ला और फिर अगले तीन चुनावों में उनके बेटे फारूक अब्दुल्ला ने यह सीट जीती। सिर्फ 2002 में उमर अब्दुल्ला यहां पीडीपी के क़ाज़ी अफजल से हार गए थे लेकिन 2008 में फिर उमर ही जीते थे। 2014 के चुनाव में भी एनसी के ही उम्मीदवार को जीत मिली थी।

पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में हाईस्पीड इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी।

पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में हाईस्पीड इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी।

इस जिले में घाटी से उलट हमेशा वोटिंग भी ठीक- ठाक संख्या में होती रही है और आमतौर पर लोग भी अपने काम से काम रखने वाले हैं। यही वजह है कि 4जी के लिए गांदरबल को चुनने का फैसला ज़्यादा मुश्किल भी नहीं रहा होगा। दिल्ली की एक टेक कंपनी में काम कर रहे इरफान भट भी गांदरबल में 4जी इस्तेमाल करने जाने वाले लोगों की भीड़ में शामिल हैं। भट कहते हैं कि वो कोरोना के चलते पिछले 3 महीने से घर से काम कर रहे हैं और सिर्फ अपना फोन और लैपटाप अपडेट करने के लिए गांदरबल गए थे।

इरफान कहते हैं, ‘2जी से जैसे- तैसे मेरा काम तो चल जाता था लेकिन मेरे फोन और लैपटाप कभी भी बंद हो सकते थे, क्योंकि 3 महीने से अपडेट नहीं किया था। मैं अपनी गाड़ी में गया और गाड़ी में बैठकर ही आधे एक घंटे में काम निपटा के वापस आ गया।’ लेकिन गांदरबल का रुख करने वालों में सिर्फ श्रीनगर के लोग ही नहीं हैं। साउथ कश्मीर के अनंतनाग में रहने वाले मुनीब हुसैन 75 किलोमीटर का सफर कर गांदरबल गए थे।

मुनीब कहते हैं, ‘पिछले कई महीनों से मैं कोशिश कर रहा था बाहर की यूनिवर्सिटीज में अप्लाई करने के लिए, लेकिन 2जी इंटरनेट के चलते यह काम हो नहीं पा रहा था। 2जी के जरिए अपना सर्टिफिकेट भेज पाना नामुमकिन है। इसीलिए मैं वहां गया और 2-3 घंटे में अपना काम पूरा कर लिया।’ मुनीब इकनॉमिक्स में पीएचडी कर चुके हैं और अभी एक अच्छी नौकरी खोज रहे हैं।

10 अगस्त को विशेष कमेटी की एक बैठक हुई थी और इसमें सुरक्षा के हालात को ध्यान में रखते हुए हाईस्पीड इंटरनेट सर्विस शुरू करने के विकल्पों पर चर्चा की गई थी।

10 अगस्त को विशेष कमेटी की एक बैठक हुई थी और इसमें सुरक्षा के हालात को ध्यान में रखते हुए हाईस्पीड इंटरनेट सर्विस शुरू करने के विकल्पों पर चर्चा की गई थी।

हालांकि गांदरबल पहुंचने वालों में सिर्फ वे लोग नहीं जिन्हें किसी जरूरी काम के लिए हाई स्पीड की जरूरत है। यहां वे लोग भी आ रहे हैं जिन्हें गेम खेलने का शौक हैं। कश्मीरी युवाओं में पबजी की दीवानगी बहुत ज्यादा है। इंटरनेट की पाबंदियों के चलते वह खेल नहीं पा रहे थे। श्रीनगर के ही उमर जरगर भी मंगलवार को गांदरबल गए थे, पबजी खेलने। उमर कहते हैं, कुछ देर ही बैठा था वहां लेकिन अब यह गेम भी अजीब सा लग रहा है।

मैं अपना फोन अपडेट करके वापस आ गया। ये सब वो लोग थे जो गांदरबल में लगे लॉकडाउन के बावजूद पहले ही दिन वहां पहुंच गए। जबकि कुछ गुरुवार को लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार करते रहे। गांदरबल में किराने की दुकान चलाने वाले अयाद अहमद कहते हैं, मेरे कई दोस्तों का श्रीनगर और पुलवामा से फोन आया। वो भी यहां आने के लिए कह रहे थे। शायद एक दो दिन में पहुंच भी जाएं।

इस बीच सोशल मीडिया पर गांदरबल में 4जी शुरू होने का जमकर मजाक उड़ाया जा रहा है। किसी ने गांदरबल में ज़मीन खरीदने की बात की तो किसी ने वहां शादी करने की और किसी ने मीम बना कर 4जी इंटरनेट को लेकर मजाक किया।। अब देखना यह होगा कि कब तक सबकुछ शांति से चलता रहेगा और क्या दो महीने के ट्रायल के बाद कुछ और जिलों में 4जी चलाया जाएगा?

यह भी पढ़ें :

1. कश्मीर से ग्राउंड रिपोर्ट / सख्त लॉकडाउन और कर्फ्यू से एक साल में कश्मीर में पर्यटन कम हुआ, नौकरियां गईं, लेकिन आतंकवाद भी कम हुआ

2. 370 हटने का एक साल / कश्मीर की जीडीपी का 8% हिस्सा टूरिज्म से आता है, पिछले 10 साल में सबसे कम टूरिस्ट पिछले साल आए, उनमें से 92% जनवरी-जुलाई के बीच

0

Related posts

महंगे तेल पर राहुल गांधी का तंज: कांग्रेस नेता ने कहा- महंगाई का विकास जारी, अच्छे दिन देश पर भारी; PM की बस मित्रों को जवाबदारी!

Admin

दिल्ली में होम आइसोलेशन की जगह सभी मरीज 5 दिन क्वारैंटाइन सेंटर में रहेंगे, केरल में 25 जून से विदेश से आने वालों का कोरोना टेस्ट होगा

News Blast

नौकरी छोड़ी, रेस्टोरेंट बंद हुआ और बचत खत्म हो गई, फिर आया ऐसा आइडिया, जिसके दम पर हो रही लाख रुपए महीने की कमाई

News Blast

टिप्पणी दें