आगरा30 मिनट पहले
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हत्यारोपी डॉक्टर विवेक तिवारी और मृतक डॉक्टर योगिता गौतम।
- डॉक्टर योगिता गौतम एसएन मेडिकल कॉलेज में स्त्रीरोग विभाग में पीजी की छात्रा थीं
- आरोपी डॉक्टर विवेक तीर्थंकर मेडिकल कॉलेज में योगिता से एक साल सीनियर था, वहीं दोनों की मुलाकात हुई थी
- पेशेवर कातिल की तरह बार-बार बयान बदलता रहा विवेक, हर वक्त अपने साथ रिवॉल्वर और चाकू रखता था
उत्तर प्रदेश के आगरा में 26 साल की डॉक्टर योगिता गौतम की हत्या के मामले में गिरफ्तार डॉ. विवेक तिवारी से पूछताछ के बाद पुलिस बड़ा खुलासा किया है। डॉक्टर विवेक योगिता के शव को जलाना चाहता था। लेकिन किसी की आहट पाकर वह डर गया और उरई (जालौन) भाग गया था। बता दें कि विवेक मृत योगिता का सीनियर था। वह उससे शादी करना चाहता था। लेकिन, शादी से इंकार करने पर विवेक ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पेशेवर कातिल की तरह बदलता रहा बयान
डॉ. विवेक ने पूछताछ में बताया, ‘मंगलवार शाम को मैं जालौन से योगिता से मिलने आगरा आया था। योगिता कार में बैठी तभी उससे बहस शुरू हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि मैंने गुस्से में आकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। मुझे लगा कि वह मरी नहीं है। मैं अपनी कार में चाकू रखता हूं। उसी चाकू से योगिता के सिर और चेहरे पर वार किए। फिर सुनसान जगह पर शव फेंक दिया।’ पुलिस ने बताया कि दोनों 7 साल से रिलेशन में थे।
गुरुवार देर शाम डॉक्टर योगिता गौतम की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो उसके शरीर से तीन गोलियां निकली। जबकि, हत्यारोपी डॉक्टर विवेक तिवारी के कबूलनामे में गोली मारने की बात नहीं थी। इसके बाद पुलिस ने नए सिरे से पूछताछ की तो उसने बताया कि योगिता उससे दूरी बना रही थी। लगा कि वह किसी और को चाहने लगी है। मुझे यह बर्दाश्त नहीं था। इसलिए आखिरी बार मुलाकात के लिए दबाव बनाया था। डॉक्टर योगिता नूरी गेट पर राहुल गोयल के मकान में किराए पर रहती थी। उसके घर के बाहर से योगिता को विवेक ने रिसीव किया। लेकिन कार में बैठते ही योगिता नोकझोंक करने लगी। तभी योगिता ने विवेक के गाल पर थप्पड़ जड़ लिया।
इसके बाद विवेक ने उसके बाल पकड़े। तब योगिता ने कहा कि तुमने मेरा इस्तेमाल किया है और मैं तुमसे नफरत करती हूं। इसके बाद विवेक ने गला दबा दिया। विवेक अपने साथ कार में बड़ा चाकू, पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर व कुछ केमिकल लेकर आया था। गला दबाने से योगिता नहीं मरी तो उसके सिर पर गोली मार दी। इसके बाद भी उसे लगा कि वह मरी नहीं है तो सिर पर गोली के घाव पर चाकू से हमला किया। योगिता के एक गोली सिर में, दूसरी गोली कंधे में और तीसरी गोली सीने में मिली है।
इसके बाद विवेक ने डौकी में शव खेत में फेंक दिया। जहां शव के ऊपर लकड़ियां डाली थी। वह शव को जलाने ही वाला था कि अचानक से उसे किसी के आने की आहट सुनाई। जिसके बाद वह वहां से लखनऊ एक्सप्रेसवे के टोल से होते हुए उरई के लिए निकल गया। फतेहाबाद टोल पार करने के बाद उसने रिवाल्वर खेत में फेंक दी। इसके बाद रात में उरई पहुंच गया। यहां रातभर रुकने के बाद सुबह छह बजे कानपुर के लिए निकल गया। रास्ते में खून से सने कपड़े भी फेंक दिए। कानपुर में अपने घर में रुका। कुछ देर बाद अपनी दूसरी कार से उरई आ गया।
खून से सने कपड़े व रिवॉल्वर की तलाश में जुटी पुलिस
पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त कार, चाकू और योगिता के हाथ से मिले बाल को बरामद किया है। जिसे जांच के लिए भेजा गया है। वहीं, विवेक के खून से सने कपड़े, हत्या में प्रयुक्त की गई पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर को तलाशने में जुट गई है। आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
दिल्ली की रहने वाली थींं योगिता
डॉक्टर योगिता दिल्ली के शिवपुरी कॉलोनी पार्ट-2 में रहती थींं। उन्होंने 2009 में मुरादाबाद के तीर्थंकर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया था। 3 साल पहले एसएन मेडिकल कॉलेज में पीजी में एडमिशन लिया था। वह आगरा में थाना एमएम गेट के नूरी दरवाजे में किराए पर रहती थीं। डॉक्टर योगिता का कोविड-19 से पीड़ित मरीजों के इलाज में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आरोपी डॉक्टर विवेक तीर्थंकर मेडिकल कॉलेज में योगिता से एक साल सीनियर था। तभी उसकी मुलाकात हुई थी।
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