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एपल के लिए अगला एक ट्रिलियन डॉलर मार्केट कैप हासिल करना आसान नहीं, 2 लाख करोड़ डॉलर के मुकाबले मुश्किल होगा अगला लक्ष्य

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  • Achieving Next One Trillion Dollar Market Cap Is Not Easy For Apple, Next Target Will Be Difficult Against 2 Trillion Dollars

मुंबई6 मिनट पहले

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  • बुधवार को ही एपल ने दो लाख करोड़ डॉलर के मार्केट कैपिटलाइजेशन को हासिल किया था
  • दो साल पहले 2018 में 2 अगस्त को एक लाख करोड़ डॉलर के वैल्यूएशन को हासिल किया था

एपल ने एक बार फिर से नया रिकॉर्ड हासिल किया है। दो साल पहले इस कंपनी ने एक ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैपिटलाइजेशन को हासिल किया था। बुधवार को यह 2 लाख करोड़ डॉलर के मार्केट वैल्यूएशन वाली कंपनी बन गई। लेकिन अगला एक लाख करोड़ डॉलर का वैल्यूएशन हासिल करना इस कंपनी के लिए उतना आसान नहीं होगा, जितना पहले 2 लाख करोड़ डॉलर में इसे आसानी थी।

इस साल में 60 प्रतिशत बढ़े हैं शेयर

अब तक इस साल में इस कंपनी के शेयर करीब 60 प्रतिशत ऊपर चल रहे हैं और अपने सेफ्टी प्रीमियम के चलते इतनी बड़ी टेक कंपनी आगे भी अच्छा काम करने वाली है। हालांकि निवेशक अब एपल के अलावा दूसरी कंपनियों के शेयरों को भी तरजीह दे रहे हैं। निवेशक अब आईफोन बनानेवाली एपल के अलावा दूसरी टेक्नोलॉजी आधारित कंपनियों जैसे कि अमेजन, फेसबुक और गूगल पैरंट्स अल्फाबेट के शेयरों के पीछे लगे हुए हैं।

एपल के दो लाख करोड़ डॉलर के मार्केट कैपिटलाइजेशन से दुनिया के केवल सात देशों की जीडीपी ही आगे है, जबकि एपल सैकड़ों देशों की जीडीपी से ज्यादा वैल्यूएशन वाली कंपनी है

एपल के दो लाख करोड़ डॉलर के मार्केट कैपिटलाइजेशन से दुनिया के केवल सात देशों की जीडीपी ही आगे है, जबकि एपल सैकड़ों देशों की जीडीपी से ज्यादा वैल्यूएशन वाली कंपनी है

आगे की राह मुश्किल दिख रही है

निवेशकों को लगता है कि मौजूदा कोरोना महामारी के चलते जो अर्थव्यवस्था की बुरी हालत हुई है, उसके दौरान ऐसी कंपनियां अपने बेहतरीन बिजनेस मॉडल और उम्दा बैलेंस शीट के साथ-साथ अच्छा खासा कैश होने की वजह से बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगी। दरअसल, एपल ने जून तिमाही में मजबूत बिक्री की बदौलत अच्छा रिजल्ट प्रस्तुत किया था। इसी दौरान इसने कम कीमत वाले आईफोन को भी लॉन्च किया था और अर्थव्यवस्था में सुधार हेतु सरकार से सहायता भी इसे मिली थी। लेकिन इसकी आगे की राह थोड़ी अनिश्चितता वाली है।

अब एपल से उम्मीदें और बढ़ गई हैं

सबसे पहले, भविष्य में अब एपल से उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं। उदाहरण के लिए वॉल स्ट्रीट ने एपल का 2020 में सितंबर में समाप्त होनेवाले फिस्कल सेल के राजस्व को दो साल पहले की तुलना में सिर्फ 3 प्रतिशत ज्यादा बताया है। इसके अलावा इसके अगली चार तिमाहियों में जो आय होनी है, उसके मूल्यांकन की तुलना में इसके शेयर की कीमत दोगुने से भी अधिक हो गई है। हालांकि एपल का इतना बढ़ा चढ़ाकर किया गया मूल्यांकन बहुत ज्यादा निराश करने वाला नहीं है परंतु इसका मतलब यह भी नहीं कि आने वाले दिनों में सब कुछ सही ही होगा।

दुनिया के कुछ बड़े देश भी ऐसे हैं जो एपल के वैल्यूएशन से कम जीडीपी वाले देश हैं

दुनिया के कुछ बड़े देश भी ऐसे हैं जो एपल के वैल्यूएशन से कम जीडीपी वाले देश हैं

महंगे फोन की खरीदी पर होगा असर

गौरतलब है कि इसी साल जून तिमाही में आईफोन एसी जैसे सस्ते मॉडल को लॉन्च करने के बाद अब यह कंपनी अपनी ऊंची कीमतों यहां तक कि 1000 डॉलर वाले 5 जी फोन को भी मार्केट में उतारने वाली है। ऐसे में महंगे फोन को लांच करना इसके लिए एक कठिन चुनौती हो सकती है। क्योंकि आजकल विश्व भर में लोगों की या तो नौकरियां चली गई हैं या फिर उनकी सैलरी कम हो गई है।

फोन ने बेहतरीन फीचर्स की अब उम्मीद कम

इसके अलावा नहीं लगता है कि मार्केट में कोई ऐसा नया ऐप जल्दी आने वाला है जिसके लिए पांचवीं पीढ़ी के तेज और वायरलेस स्पीड की जरूरत होगी और लोग फोन को अपडेट करना जरूरी समझेंगे। ऐसा भी नहीं लगता है कि नए फोन में कुछ इतने ज्यादा बेहतरीन फीचर होंगे कि लोग उसे खरीदने के लिए मजबूर ही हो जाएंगे। ना ही सर्विस फ्रंट पर इसमें कोई बहुत अदभुत फीचर्स शामिल होने वाले हैं। हां हो सकता है कि कुछ वर्चुअल फिटनेस क्लास के सब्सक्रिप्शन इसमें शामिल कर दिए जाएं।

रेगुलेटर की जांच का सामना

इस सब के ऊपर एपल को स्मार्टफोन मार्केट में अपनी दमदार पोजीशन बनाए रखने के लिए रेगुलेटर की जांच का सामना करना पड़ रहा है। जून में, यूरोपीय संघ ने एपल में दो औपचारिक एंटी ट्रस्ट जांच शुरू करने की घोषणा की। इसमें से एक जांच विशेष रूप से इसके इन-ऐप खरीद प्रणाली की गाइडलाइंस के बारे में है। पिछले महीने सीईओ टिम कुक को भी एक लैंडमार्क हाउस एंटी ट्रस्ट हियरिंग से पहले कंपनी की ऐप स्टोर पॉलिसीज और हाई फीस स्ट्रक्चर का बचाव करना पड़ा था।

कंपनी के लिए हो सकती है मुश्किल

जाहिर है, अगर इन वैश्विक नियामकों ने एपल के व्यापार पर शिकंजा कस दिया तो इससे कंपनी पर निश्चित रूप से नकारात्मक असर पड़ेगा। इसमें कोई शक नहीं है कि 2 ट्रिलियन डॉलर की उपलब्धि एपल के लिए एक सुखद और आश्चर्यजनक परिणाम है। परंतु 3 ट्रिलियन डॉलर की उपलब्धि के लिए लड़ाई और भी मुश्किल हो सकती है क्योंकि आगे चुनौतियां ही चुनौतियां हैं।

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