May 18, 2024 : 4:49 AM
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भारत में 6.75 रुपए में मिल रहा 1 GB डाटा; ये दुनिया में सबसे सस्ता, अफ्रीकी देश मलावी में 1 GB डाटा के लिए चुकाने पड़ते हैं 2,053 रु.

दुनिया में सबसे सस्ता मोबाइल डाटा भारत में मिलता है। यहां 1 जीबी डाटा की औसतन कीमत 0.09 डॉलर (6.75 रुपए) है। ये बात विजुअल कैपेलिस्ट की रिपोर्ट में सामनेआईहै। वहीं रिपोर्ट में सामने आया है कि मलावी में सबसे महंगा मोबाइल डाटा मिलता है। यहां एक जीबी डाटा की औसतन कीमत 27.41 डॉलर (2,053 रुपए) है।इस रिपोर्ट के लिए 155देशों में मोबाइल डाटा की कीमत के आंकड़े केबलडॉटकोडॉटयूके (Cable.co.uk) ने जुटाए हैं।

इन 5 देशों में सबसे सस्ता है मोबाइल डाटा

इन 5 देशों में सबसे महंगा है मोबाइल डाटा

रिपोर्ट के अनुसार इन 4 बातों पर निर्भर करती है डाटा की कीमत
1. नेटवर्क का बुनियादी ढांचा

जिन देशों में टेलीकॉम का बुनियादी ढांचा अच्छा है वो देश सस्ती कीमत पर लोगों को डाटा देने में सक्षम हैं। भारत और इटली में ऐसा ही है। वहीं जिन देशों में बुनियादी ढांचा नहीं है, वहां पर उपग्रह जैसे महंगे विकल्पों पर निर्भर होना पड़ता है इससे लागत बढ़ जाती हैं और डाटा महंगा हो जाता है।

2. मोबाइल डाटा पर भरोसा

जब किसी क्षेत्र में मोबाइल डाटा, इंटरनेट का प्राथमिक स्नोत होता है तो इसका इस्तेमाल सभी करते हैं। इससे कपनियों में खपत बढ़ाने को लेकर प्रतिष्पर्धा बढ़ती है। इसके कारण कीमत में कमी आती है। किर्गिस्तान इसका अच्छा उदाहरण है।

3. डाटा की कम खपत

जिन देशों में बुनियादी ढांचा कमजोर है, वहां के लोग कम डाटा का इस्तेमाल करते हैं। इसके चलते मोबाइल प्लान भी कम डाटा के होते हैं। इस कारण से प्रति जीबी लागत ज्यादा हो जाती है। मलावी और बेनिन जैसे देशों के जरिए इसे समझा जा सकता है।

4. उपभोक्ताओं की इनकम

अमीर धनी देश मोबाइल सेवाओं के लिए ज्यादा शुल्क लेते हैं, क्योंकि उनके पास ज्यादा पैसा होता है। साथ ही कई बार एक ही नेटवर्क प्रदाता होने के कारण भी कीमत अधिक होती है। जर्मनी, स्विट्जरलैंड और कनाडा में इसी कारण से एक जीबी की कीमत काफी ज्यादा है।

2025 तक भारत में प्रति व्यक्ति मासिक डेटा खपत 25 जीबी तक पहुंच सकती है
भारत में प्रति व्यक्ति मासिक डेटा खपत 2025 तक प्रति माह 25 जीबी तक पहुंच सकती है। वर्ष 2019 में यह 12 जीबी प्रति माह थी जो वैश्विक स्तर पर इंटरनेट (डेटा) का सबसे अधिक उपयोग है। टेलीकॉम इक्विपमेंट बनाने वाली प्रमुख कंपनी एरिक्सन ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। जून 2020 की 'मोबिलिटी रिपोर्ट' में कहा है कि इसकी प्रमुख वजह देश में मोबाइल इंटरनेट का सस्ता होना और लोगों की आदत में वीडियो देखना शामिल होना है।

लगातार कम हो रही डाटा की कीमत
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने अगस्त 2019 में बीते 5 सालों में मोबाइल डाटा की कीमतों और खपत पर आधरित एक रिपोर्ट जारी की थी। इसके अनुसार पिछले 5 सालों में मोबाइल डाटा की कीमतों में 22 गुना की कमी आई है जिससे ये घटकर 11.75 रुपए जीबी पर आ गई थी। वहीं डाटा की खपत 56 गुना बढ़ गई थी। ट्राई की रिपोर्ट के अनुसार 2014 के 828 मिलियन जीबी सालाना डाटा खपत के मुकाबले 2018 में 46,404 मिलियन जीबी डाटा की खपत हुई है जो 2014 के मुकाबले 56 गुना ज्यादा है।

भारत में क्यों सस्ता है डाटा?
साल 2015 तक भारतीय टेलिकॉम यूजर्स को इंटरनेट डाटा का इस्तेमाल काफी महंगा पड़ता था। भारत नें मोबाइल डाटा का खर्च हाकी देशों के मुकाबले काफी महंगा था। लेकिन साल 2016 में रिलायंस जियो में के मार्केट में आने के बाद से ग्राहकों को काफी फायदा पहुंचा। जियो के मार्केट में कंपटीशन इतना बढ़ गया कि बाकी टेलीकॉम कंपनियों एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया, BSNL ने भी अपने प्लान्स की कीमतों को कम कर दिया।

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