- कर्णिका ने रोजाना करीब 3 घंटे सुबह-शाम पढ़ाई की, 90% तक अंक की उम्मीद थी
- अगला लक्ष्य पीसीएम विषय लेकर एमपी पीएससी को पास करने का रखा है
- स्कूल प्रबंधन और ट्यूशन के टीचर ने फीस तक माफ की, सबकी चहेती रही
अनूप दुबे
Jul 04, 2020, 03:28 PM IST
भोपाल. मध्यप्रदेश शिक्षा बोर्ड की कक्षा 10वीं में टॉप करने वाली भोपाल की कर्णिका मिश्रा ने इस दिन के लिए कई बार भूखे पेट तक पढ़ाई की। पांच साल पहले सड़क हादसे में पिता को खोने के बाद कर्णिका की मां को जॉब करनी पड़ी। शनिवार को जब रिजल्ट आया, तब तक मां ड्यूटी पर चली गई थीं। कर्णिका को उनके घर आने का इंतजार है, ताकि वह मां को गले लगा सकें।
टॉपर कर्णिका का अगला लक्ष्य एमपी पीएससी
कर्णिका ने बताया कि पिता की मौत के बाद मां ने ही सबकुछ संभाला। मां और नानी ही उसके लिए सबकुछ हैं। मां सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ड्यूटी पर रहती हैं। उन्हें तो अभी इसके बारे में पता तक नहीं है। मैंने कभी भी पढ़ाई सिर्फ नंबर के लिए नहीं की। नॉलेज के लिए पढ़ाई करती हूं। सालभर रोजाना सुबह से शाम तक 3 से 4 घंटे नियमित पढ़ाई करती हूं। परीक्षा के दौरान भी इसी तरह पढ़ाई करती हूं। इससे अचानक कोई बोझ नहीं होता। इससे कुछ भूलने की घबराहट भी नहीं होती। मां और नानी ने पढ़ाई के लिए कभी भी प्रेशर नहीं डाला। मुझे पढ़ना अच्छा लगता है, क्योंकि उससे सीखने को मिलता है। अगला लक्ष्य एमपी पीएससी पास करना है। इसके लिए पीसीएम विषय से आगे की पढ़ाई करूंगी।
स्कूल में किया गया कार्यक्रम
कर्णिका अपने पढ़ाई के कारण स्कूल में सबकी चहेती है। फीस नहीं भर पाने के कारण स्कूल प्रबंधन ने उसकी फीस भी माफ कर दी। इसके साथ ही ट्यूशन के पैसे भी उससे नहीं लिए गए। रिजल्ट आने के बाद स्कूल प्रबंधन ने अपनी टॉपर के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें मंत्री विश्वास सारंग भी पहुंचे।
राज्यभर में 15 टॉपर, इनमें 3 छात्र गुना के भी
एमपी बोर्ड के कक्षा 10वीं के रिजल्ट में राज्यभर में 15 स्टूडेंट्स ने पूरे 300 अंक हासिल किए। इनमें भोपाल की कर्णिका मिश्रा भी हैं। 3 छात्र गुना के हैं। इस बार 62.84% स्टूडेंट्स पास हुए। ये पिछले साल के रिजल्ट 61.32% से करीब 1% ज्यादा है। इस बार फिर छात्राओं ने बाजी मारी। इनमें 65.97% छात्राएं और 60.09% छात्र पास हुए। इस साल परीक्षा में 11 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं शामिल हुए। कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार बोर्ड का रिजल्ट अलग-अलग जारी किया जा रहा है।