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हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गई पुलिस टीम पर फायरिंग, डीएसपी समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत; 2 बदमाश भी मार गिराए गए

  • पुलिस ने गुरुवार रात बिठूर थाना क्षेत्र के विकरू गांव में दबिश देने गई थी, तभी हमला हुआ
  • बिठूर थाना प्रभारी समेत 7 पुलिसकर्मियों को गोली लगी, रीजेंसी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा

दैनिक भास्कर

Jul 03, 2020, 12:44 PM IST

कानपुर. उत्तरप्रदेश के कानपुर में गुरुवार रात एक बजे दबिश देने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इसमें सर्कल ऑफिसर (डीएसपी) और 3 सब इंस्पेक्टर समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पुलिस चौबेपुर थाना इलाके के एक गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई थी, लेकिन उसकी गैंग ने पुलिस पर घात लगाकर छत से हमला किया और विकास दुबे फरार हो गया। बदमाश पुलिस के कई हथियार भी लूट ले गए। उधर, आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि घटना के बाद एनकाउंटर में विकास दुबे के 2 साथियों को मार गिराया गया है।

डीजीपी एचसी अवस्थी ने बताया कि विकास दुबे के खिलाफ कानपुर के राहुल तिवारी ने हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस उसे पकड़ने के लिए बिकरू गांव गई थी। पुलिस को रोकने के लिए बदमाशों ने पहले से ही जेसीबी वगैरह से रास्ता रोक रखा था। अचानक छत से फायरिंग शुरू कर दी गई। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसटीएफ की टीम को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने यूपी के सभी बॉर्डर सील कर दिए हैं।

घायल पुलिसकर्मियों को कानपुर के रीजेंसी हॉस्पिटल मेंं भर्ती किया गया है।

ये पुलिसकर्मी मारे गए 

बिल्हौर के सीओ देवेंद्र कुमार, शिवराजपुर के थाना प्रभारी महेश चंद्र यादव व सब इंस्पेक्टर नेबू लाल और मंधना के चौकी इंचार्ज अनुप कुमार, कॉन्स्टेबल सुल्तान सिंह, कॉन्स्टेबल राहुल, कॉन्स्टेबल जितेंद्र और कॉन्स्टेबल बबलू की मौत हो गई है। इसके अलावा बिठूर थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह समेत 7 पुलिसकर्मियों को गोली लगी है। इनका इलाज रीजेंसी हॉस्पिटल में चल रहा है।

कड़ी कार्रवाई होगी

एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि 7 लोग घायल हैं, इसमें से 5 पुलिसकर्मी हैं। पुलिस के हथियार गायब हैं, इसकी जांच चल रही है कि किसके पास कौन से हथियार थे। जो भी लोग इस घृणित कार्य में लिप्त थे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें ढूंढकर कानून के सामने पेश किया जाएगा। हमने इसमें स्पेशलिस्ट टीमों को लगाया है।

दो थानों की पुलिस दबिश देने के लिए गई थी। तभी बदमाशों ने छत से ताबड़तोड़ फायरिंग की।

कौन है विकास दुबे?

विकास उत्तरप्रदेश का कुख्यात बदमाश है। एसटीएफ ने विकास दुबे को 31 अक्टूबर 2017 को लखनऊ के कृष्णानगर क्षेत्र से विकास को गिरफ्तार किया था। कानपुर पुलिस ने उसके खिलाफ 25 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। वह कुछ दिन पहले जेल से बाहर आया था।

हिस्ट्री शीटर विकास दुबे पर 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।

विकास ने 2001 में थाने में घुसकर भाजपा नेता और राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या की थी। वह थाने में घुसकर पुलिसकर्मी समेत कई लोगों की हत्या कर चुका है। विकास पर 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। वह प्रधान और जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है।

विकास दुबे ने पंचायत सदस्य रहते एक सड़क का शिलान्यास भी किया था।

बदमाशों ने पुलिस को रोकने के लिए सड़क पर जेसीबी खड़ी की थी 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विकास को पुलिस के आने की खबर पहले ही मिल चुकी थी। इसलिए उसने अपने घर से कुछ दूर रास्ते में जेसीबी मशीन खड़ी कर दी थी। ताकि पुलिस को रोका जा सके। पुलिस की कार्रवाई के पहले ही अपराधियों ने गोलियां चला दीं। बदमाशों ने पुलिस को चारों ओर से घेर लिया था। पुलिस को ऐसे हमले की उम्मीद नहीं थी। 

पुलिस की टीम को रोकने के लिए बदमाशों ने रास्ते में जेसीबी खड़ी कर दी थी।

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