- अप्रैल-जून तिमाही के लिए लघु बचत याजनाओं की ब्याज दरों में 0.7-1.4 फीसदी तक की कटौती की गई थी
- दूसरी तिमाही के लिए दरों में और कटौती होती, तो पीपीएफ की ब्याज दर 7 फीसदी से नीचे चली जाती
दैनिक भास्कर
Jul 01, 2020, 09:39 PM IST
नई दिल्ली. सरकार ने चालू कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में लघु बचत योजनाओं या पोस्ट ऑफिस योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। भारतीय डाक विभाग ने बुधवार को जारी एक सर्कुलर में यह बात कही। सर्कुलर के मुताबिक दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2020) में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) की ब्याज दर 7.10 फीसदी बरकरार रहेगी। सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (एससीएसएस) की ब्याज दर 7.40 रहेगी। पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट्स की ब्याज दर 5.5-6.7 फीसदी रहेगी। पहली तिमाही के लिए भी इन योजनाओं पर इतनी ही ब्याज दरें थीं।
डाक घर की जमा योजनाओं की ब्याज दरें
बचत योजना |
1 जुलाई-30 सितंबर 2020 के लिए ब्याज दर (%) |
सेविंग्स डिपॉजिट | 4 |
1 वर्षीय टाइम डिपॉजिट | 5.5 |
2 वर्षीय टाइम डिपॉजिट | 5.5 |
3 वर्षीय टाइम डिपॉजिट | 5.5 |
5 वर्षीय टाइम डिपॉजिट | 6.7 |
5 वर्षीय रिकरिंग डिपॉजिट | 5.8 |
5 वर्षीय सीनियर सिटीजन सेविंग्स सकीम | 7.4 |
5 वर्षीय मंथली इनकम अकाउंट | 6.6 |
5 वर्षीय नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट | 6.8 |
पब्लिक प्रोविडेंट फंड | 7.1 |
किसान विकास पत्र (124 महीने पर मैच्योरिटी) | 6.9 |
सुकन्या समृद्धि योजना |
7.6 |
स्रोत : डाक विभाग का सर्कुलर
7 % से नीचे जाने से बची पीपीएफ की ब्याज दर
अप्रैल-जून तिमाही के लिए सरकार ने लघु बचत याजनाओं की ब्याज दरों में 0.7-1.4 फीसदी तक की कटौती कर दी थी। यदि सरकार ने दूसरी तिमाही के लिए भी ब्याज दरों में इतने की ही कटौती होती, तो पीपीएफ की ब्याज दर 7 फीसदी से नीचे चली जाती, जो कि 46 साल का निचला स्तर होता।
हाल में बैंकों की जमा दरों में काफी कमी आई है
लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें नहीं बदलने से बचतकर्ताओं को बड़ी राहत मिली है। आरबीआई की मुख्य ब्याज दर में भारी गिरावट के बाद बैंकों ने भी एफडी पर ब्याज घटा दिया है। कुछ एफडी की ब्याज दर तो कुछ बचत खाते की ब्याज दर से भी कम हो गई है। बैंकों के सेविंग्स अकाउंट्स की ब्याज दर में भी काफी कमी आई है।
हर तिमाही लघु ब्याज दरों की समीक्षा होती हैं
लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों की हर तिमाही समीक्षा होती है। इन योजनाओं की ब्याज दरें तय करने का फॉर्मूला श्यामला गोपीनाथ समिति ने दिया था। समिति ने सुझाव दिया था कि लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें समान मैच्योरिटी वाले सरकारी बांड के यील्ड से 0.25-1.00 फीसदी ज्यादा होनी चाहिए।