- भारत का MSME सेक्टर, देश की GDP में 30 फीसदी योगदान देता है
- कोरोना के कारण MSME सेक्टर को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है
दैनिक भास्कर
Jul 01, 2020, 05:47 PM IST
नई दिल्ली. वर्ल्ड बैंक ने माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) की मदद के लिए 75 करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 5.6 हजार करोड़ रुपए) का लोन देने का ऐलान किया है। यह पैसा सरकार द्वारा घोषित पैकेज (आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम) के तहत एमएसएमई की मदद करेगा। वर्ल्ड बैंक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ये पैसा छोटी और मझौली कंपनियों की नकदी की समस्या को दूर करेगी।
15 करोड़ MSME को मिलेगी मदद
वर्ल्ड बैंक के इस कर्ज से 15 करोड़ MSME को मदद मिलेगी। भारत का MSME सेक्टर, देश की GDP में 30 फीसदी योगदान देता है। वहीं, मौजूदा समय में इसके एक्सपोर्ट पर भारी दबाव है। ऐसे में इन कंपनियों में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है।
इस साल वर्ल्ड बैंक ने भारत को दिया 5.13 अरब डॉलर का कर्ज
2020 के वित्तीय वर्ष (जुलाई 2019-जून 2020) के दौरान, वर्ल्ड बैंक ने भारत को 5.13 अरब अमेरिकी डॉलर कर्ज दिया है, जो एक दशक में सबसे ज्यादा है। इसमें COVID-19 महामारी के लिए तीन महीनों में दिए गए 2.75 अरब डॉलर शामिल हैं।
सरकार ने भी छोटे उद्योगों को दी राहत
केंद्र सरकार ने देश में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत MSME मंत्रालय ने MSME के क्लासिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन के लिए गाइडलाइंस जारी की है। इसके अनुसार अब देशभर के एमएसएमई उद्यम कहलाएंगे। यही नहीं, अब एमएसएमई के रजिस्ट्रेशन के लिए किसी भी कागजात की जरूरत नहीं होगी। केवल स्वघोषणा के आधार पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। रजिस्ट्रेशन के वक्त कोई भी कागज अपलोड करने की जरूरत नहीं होगी। नए नियम 1 जुलाई से लागू हो गए हैं।