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मध्यप्रदेश में ‘किल कोरोना अभियान’ की शुरुआत एक जुलाई से, डोर-टू-डोर सर्वे के लिए 11 हजार टीमें लगाई जाएंगी

  • प्रत्येक टीम को नॉन कॉन्टैक्ट थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर और जरूरी प्रोटेक्टिव गियर दिया जाएगा
  • सर्दी-खांसी जुकाम के साथ डेंगू, मलेरिया, डायरिया के लक्षण पाए जाने पर परामर्श और उपचार भी किया जाएगा

दैनिक भास्कर

Jun 30, 2020, 05:24 PM IST

भोपाल. कोविड-19 के व्यापक सर्विलांस के लिए प्रदेशभर में 15 दिन का ‘किल कोरोना अभियान’ चलाया जाएगा। इसकी शुरूआत एक जुलाई को होगी, जो 15 जुलाई तक चलेगा। प्रदेश के सभी जिलों में वायरस नियंत्रण और स्वास्थ्य जागरुकता अभियान में सरकार और समाज साथ-साथ काम करेंगे। ‘किल कोरोना अभियान’ में डोर-टू-डोर सर्वे के लिए पूरे प्रदेश में 11 हजार 458 सर्वे टीम लगाई जाएंगी। प्रत्येक टीम को नॉन कॉन्टैक्ट थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर और जरूरी प्रोटेक्टिव गियर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आमजनों से अपील की है कि ‘किल कोरोना अभियान’ में घर-घर पहुंच रहे सर्वे दल को जरूरी जानकारी देकर सहयोग करें। सर्दी- खांसी जुकाम के साथ डेंगू, मलेरिया, डायरिया आदि के लक्षण पाए जाने पर भी जरूरी परामर्श और उपचार नागरिकों को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इन कार्यों में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने का आग्रह किया है। देश के इस अनूठे और बड़े अभियान से अन्य प्रदेशों तक भी एक सार्थक संदेश पहुंचेगा। 

मुख्यमंत्री ने 6 दिन पहले तैयारियों का जायजा लिया था  

चौहान ने 6 दिन पहले कमिश्नर-कलेक्टर की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में निर्देश दिए थे कि ‘किल कोरोना अभियान’ के लिए जरूरी तैयारियां शुरू की जाएं। उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस को समाप्त कर ही चैन की सांस लूंगा, इसे अमली जामा पहनाने के लिए राज्य सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य मिशन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अल्प अवधि में ही यह तैयारी की गई है।

सार्थक एप में दर्ज की जाएगी जानकारी 

‘किल कोरोना अभियान’ में सर्वे द्वारा एसएआरआई /आईएलआई के संदिग्ध मरीजों के साथ-साथ मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि के संदिग्ध मरीजों को भी चिन्हांकित कर इनकी जानकारी ‘सार्थक एप’ में दर्ज की जाएगी। कोविड-19 के जिन संदिग्धों की प्रविष्टि ‘सार्थक एप’ पर की जाती है, उससे संबंधित क्षेत्रों को मेप्ड एमएमयू द्वारा सैंपलिंग की जाएगी। रोजाना चिन्हित किए गए संदिग्धों की सैंपलिंग के बाद उनकी टेस्टिंग आरटीपीसीआर और टीआरयूएनएटी के जरिए की जाएगी।

3 लाख से ज्यादा सैंपल लिए जाएंगे 

प्रदेशभर में एसएआरआई/आईएलआई सर्वे के बाद चिन्हित संदिग्धों के 3 लाख से ज्यादा सैंपल लिए जाएंगे। रोजाना 21 हजार टेस्ट किए जाने की क्षमता विकसित की जा रही है। इसमें प्रदेश के औसत पॉजीटिविटी से अधिक पॉजीटिविटी वाले 13 जिलों में सघन सैंपलिंग आरटीपीसीआर और टीआरयूएनएटी के जरिए होगी। ऐसे 29 जिले जहां पाॅजीटिविटी दर प्रदेश के औसत से कम है, इसमें जनरल सर्विलांस के लिए पूल्ड सैंपलिंग के निर्देश दिए गए हैं।

प्रदेश में प्रति मिलियन टेस्ट की संख्या 7747 होगी  

प्रदेश में 69 टीआरयूएनएटी साइट्स संचालित है, जहां जिला स्तर पर टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध रहेगी। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि ‘किल कोरोना अभियान’ के बाद प्रदेश में टेस्ट प्रति मीलियन की संख्या 4022 से बढ़कर 7747 हो जाने की संभावना है, जो कि राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इसी तरह अधिक सेम्पलिंग के परिणामस्वरूप प्रदेश की पॉजीटिविटी दर में भी गिरावट आएगी।

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