May 6, 2024 : 2:24 AM
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लेडी कॉन्स्टेबल को मिली जेंडर बदलने की अनुमति, बनेगी पुरुष, कहा- ‘अंदर से वैसी नहीं, जैसी दिखती हूं’

भोपाल. मध्य प्रदेश पुलिस (Madhya Pradesh Police) के इतिहास में पहली बार कोई लेडी कॉन्स्टेबल पुरुष बनेगी. इस महिला कॉन्स्टेबल को जेंडर बदलने की अनुमति मिल गई है. इस संबंध में गृह विभाग ने बुधवार को आदेश भी जारी कर दिए. पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग से जेंडर चेंज करने को लेकर मार्गदर्शन मांगा था. गृह विभाग ने पहले विधि विभाग से सलाह ली और उसके बाद अनुमति दी.

जानकारी के मुताबिक, लेडी कॉन्स्टेबल अमिता (परिवर्तित नाम) लंबे समय से अपना जेंडर चेंज कराना चाहती थी. गृह विभाग ने बताया कि महिला कॉन्स्टेबल को बचपन से जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर (Gender Identity Disorder) था. इस डिसऑर्डर से उसे लगता था कि उसका शरीर उसके स्वभाव से मेल नहीं खा रहा. इसकी पुष्टि देश के बड़े-बड़े मनोचिकित्सकों ने भी कर दी थी. बताया जाता है कि अमिता (परिवर्तित नाम) ने पुलिस के सारे काम पुरुषों की तरह ही किए हैं. जब अमिता को लगने लगा कि उसे जेंडर चेंज करना है तो उसने अपने अधिकारियों को आवेदन दिया. इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने मार्गदर्शन के लिए इसे गृह विभाग को भेज दिया. लंबे समय से विचार होने के बाद इस मामले में अनुमति दी गई.

किस उम्र में दिखते हैं इसके लक्षण?

जेंडर डायसोफोरिया (Gender dysphoria) या आइडेंटिटी डिसऑर्डर के लक्षण दिखाई देने की उम्र नहीं होती. कुछ बच्चों में ये लक्षण करीब 12 साल की उम्र से दिखाई देने लगते हैं, तो कुछ बच्चे बचपन से विपरीत लिंग जैसी हरकतें करने लगते हैं. हम समाज में कई बार दखते हैं कि कोई लड़का लड़कियों की तरह कपड़े पहनता है, मेकअप करता और उसके हाव-भाव भी लड़कियों की तरह ही होते हैं, तो इस स्थिति में वह जेंडर डायसोफोरिया से ग्रसित होता है. वहीं, जब कोई लड़की लड़कों जैसे लाइफ स्टाइल अपनाती है, कपड़े पहनती है उसे भी आइडेंटिटि डिसऑर्डर होता है.

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