May 17, 2024 : 10:32 PM
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मुख्य सचिव के नाम से फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर चैट से करते थे ठगी, एसटीएफ 3 जालसाज पकड़े

लखनऊएक घंटा पहले

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यूपी एसटीएफ की टीम ने ऑनलाइन ठगी करने वाले तीन लोगों को पकड़ा है। ये लोग रसूखदार लोगों का प्रोफाइल चुराकर गलत तरीके से इस्तेमाल करते थे।

  • साइबर क्राइम सेल और एसटीएफ़ की टीम ने कार्रवाई की
  • अधिकारियों के अनुसार कई लोगों से ठग चुके हैं लाखों रुपये

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी की फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर लोगों से ठगी करने वाले तीन लोगों को साइबर क्राइम सेल और एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार किया है। एसटीएफ की टीम ने मथुरा से गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के पास से विभिन्न प्रकार के सिम व पेटीएम व अन्य सोशल मीडिया के फर्जी अकाउंट मिले हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ जब ऑनलाइन की ठगी की शिकायत मुख्य सचिव कार्यालय में तैनात उप निदेशक दिनेश कुमार गुप्ता ने साइबर सेल पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवाई।

साइबर क्राइम प्रभारी अजीत कुमार यादव ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्त ठगी के लिए फर्जी सिम कार्ड से पेटीएम एक्टिवेटेड करने के लिए अपने साथियों का सहयोग लेते थे। इसके लिए प्रति सिम एक हजार से तीन हजार रुपए में गावड़ी राजस्थान सर्किल से प्राप्त करते थे। सिम के माध्यम से गलत नाम पते पर खरीदे मोबाइलों में फर्जी नाम से फेसबुक आईडी बनाते थे। इसके बाद फेसबुक आईडी के माध्यम से अन्य लोगों को फेसबुक प्रोफाइल में जो पब्लिकली ओपन होती थी उस प्रोफाइल के फ्रेंड लिस्ट एवं फोटो देख कर फोटो प्रोफाइल तैयार करते थे।

रसूखदार लोगों की प्रोफाइल चुराकर उनका इस्तेमाल करते थे

यादव ने बताया कि इसके आधार पर धनवान, रसूखदार दिखने वाले की प्रोफाइल पिक्चर चुरा कर उनका प्रयोग करते थे। उनका फेसबुक फेक अकाउंट तैयार कर उनसे जुड़े फेसबुक फ्रेंड को रिक्वेस्ट भेज कर ऐड करते थे। फिर मैसेंजर एप पर उस व्यक्ति की करीबी लोगों को जरूरी बताकर रुपए मांगते थे और चैटिंग कर उनसे ठगी की जाती थी। एसटीएफ ने मथुरा के रहने वाले शराफत खान व सुखदीन और अजरू जो कि तीनों गोवर्धन थाना क्षेत्र में मथुरा के रहने वालों को गिरफ्तार किया है।

70 से 80 प्रतिशत रुपये लेकर 20 से 30 प्रतिशत देते थे कमीशन
राजस्थान सर्किल में एक्टिव फोन पर गूगल पर पेटीएम अकाउंट के सदस्य इन जालसाज के साथ मिलकर रुपए अपने खाते में मंगाते थे। इसके लिए 20 से 30% पैसे काटकर 70 से 80 % पैसे जालसाज को वापस कर देते थे।

एसटीएफ़ की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि क्योंकि राजस्थान के उनके साथियों के द्वारा सिम, फेसबुक, प्रोफाइल तैयार करना उसके साथ ही पेटीएम, फोन पे जैसे अकाउंट में अपना खाता बनाने इसके लिए वह कमीशन लिया करते हैं। एसटीएफ की टीम इस जालसाजी में शामिल अन्य लोगों की तलाश कर रही है।

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