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- Today 50 Thousand Traders Will Not Buy Food Grains In 270 Mandis Of MP, Will Convey Their Words To The Government
भोपाल3 घंटे पहले
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भोपाल की करोंद अनाज मंडी। (फाइल फोटो)
केंद्र सरकार ने 2 जुलाई से दलहन पर स्टॉक लीमिट तय कर दी है। यह आदेश 31 अक्टूबर तक लागू रहेगा। इसके विरोध में मध्यप्रदेश के अनाज व्यापारी विरोध में उतर आए हैं। 6 जुलाई को प्रदेश की सभी 270 मंडियों में 50 हजार से अधिक व्यापारी अनाज की खरीदी नहीं करेंगे और सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाएंगे।
सकल अनाज दलहन-तिलहन व्यापारी महासंघ समिति मप्र ने इस संबंध में प्रदेश के सभी व्यापारियों को पत्र जारी किए हैं और 6 जुलाई को मंडियों में तालाबंदी जैसी स्थिति निर्मित करने को कहा है। एक दिन मंडियां बंद रखने के बावजूद यदि सरकार कोई निर्णय नहीं लेती तो व्यापारी आने वाले दिनों में लगातार खरीदी नहीं करने की बात कह रहे हैं।
नुकसान नहीं उठा सकते
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने मूंग को छोड़कर शेष दलहनी फसलों पर स्टॉक लीमित तय की है। जिसमें निश्चित सीमा में दलहनी फसलों को रखने की इजाजत है। यह सीधे तौर पर व्यापारियों पर बंदिश लगाने वाला आदेश है। एक दिन के प्रदर्शन के बावजूद यदि सरकार कोई निर्णय नहीं लेती है तो प्रदेश के व्यापारी बंधनकारक, भययुक्त, इंस्पेक्टर युक्त, भ्रष्टाचार रूपी व्यापार नहीं करेंगे। मंगलवार को कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार ही प्रदर्शन करेंगे। धरना, रैली या नारेबाजी नहीं की जाएगी।
स्टॉक लीमिट ठीक नहीं
भोपाल की करोंद अनाज मंडी व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश ज्ञानचंदानी एवं प्रवक्ता संजीव जैन ने बताया कि कुल 2 हजार क्विंटल तक अनाज की स्टॉक लीमिट तय की गई है। इसमें कोई भी अनाज एक हजार क्विंटल तक हो सकती है। सीजन के दौरान मंडी में चने की आवक ही हजारों क्विंटल में होती है। ऐसे में तो व्यापारी अनाज की खरीदी ही नहीं कर पाएंगे। इसलिए मंगलवार को करोंद मंडी में भी अनाज की खरीदी नहीं की जाएगी।
अध्यक्ष ज्ञानचंदानी ने बताया कि स्टॉक लीमिट के आदेश की अभी जरूरत भी नहीं थी, क्योंकि मंडियों में अनाज की आवक ही नहीं है। व्यापारियों के पास रखे माल को खरीदने वाला भी कोई नहीं है।