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एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन से जिस वॉलंटियर की मौत हुई उसे नहीं दी गई थी वैक्सीन की डोज; वॉलंटियर की उम्र 28 साल थी और कोरोना के मरीजों का इलाज करता था

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साओ पाउलो21 घंटे पहले

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  • भारत में ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की इस वैक्सीन का प्रोडक्शन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रहा है
  • सितंबर में ब्रिटेन में वैक्सीन के ट्रायल के दौरान एक वॉलंटियर में साइडइफेक्ट दिखने पर ट्रायल रोका गया था

कोरोना वैक्सीन के जल्द आने की खबरों के बीच ब्राजील ने झटका दिया है। ब्राजील की स्वास्थ्य एजेंसी एनविसा ने बुधवार को कहा कि देश में चल रहे एस्ट्रेजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में एक ब्राजीली वॉलंटियर की मौत हो गई है लेकिन गोपनीयता का हवाला देकर इस बारे अधिक जानकारी नहीं जारी की।

ब्राजील की मीडिया रिपोर्ट में किया गया दावा

इस पूरे मामले पर ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। रिपोर्ट के मुताबिक, जिस वॉलंटियर की मौत हुई है उसे वैक्सीन नहीं दी गई थी। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को वैक्सीन ट्रायल से जुड़े एक सूत्र ने बताया है कि जिस वॉलंटियर की मौत हुई है उसे वैक्सीन दी गई होती है तो ट्रायल रोक दिया जाता। वॉलंटियर कंट्रोल ग्रुप का हिस्सा था जिसे मेनिनजाइटिस की दवा दी गई थी।

ब्राजील के एक अखबार ओ-ग्लोबो ने भी सूत्र के हवाले से यही बात कंफर्म की है। न्यूज एजेंसी G1 के मुताबिक जिस वॉलंटियर की मौत हुई उसकी उम्र 28 साल थी और वह रियो डी जेनेरियो में कोरोना के मरीजों का इलाज करता था।

ब्राजील सरकार ने वॉलंटियर के बारे में अधिक जानकारी नहीं जारी की
वैक्सीन की दौड़ में आगे चल रही इस वैक्सीन पर भारत सहित दुनियाभर के देशों की उम्मीद टिकी हैं। पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट में इसी वैक्सीन का प्रोडक्शन हो रहा है। तीसरे चरण के ट्रायल का कोआर्डिनेट कर रही फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ साओ पाउलो ने यह नहीं बताया है कि जिस वॉलंटियर की मौत हुई है, वह कहां का रहने वाला है।

जारी रहेगा ट्रायल

फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ साओ पाउलो के प्रवक्ता के मुताबिक, ट्रायल में शामिल हुए 10,000 वॉलंटियर्स में से 8,000 को ब्राजील के छह शहरों में वैक्सीन की पहली खुराक दी गई है। इनमें से कई लोगों को दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है। वॉलंटियर की मौत के बाद भी वैक्सीन का ट्रायल जारी रहेगा। ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिकों ने कहा है कि वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है।

अमेरिका में बंद थे ट्रायल
इससे पहले सितंबर में ब्रिटेन में वैक्सीन के ट्रायल के दौरान एक वॉलंटियर को अस्पताल ले जाना पड़ा था। इसके बाद दुनियाभर में ट्रायल रोक दिए गए थे। हालांकि, अमेरिका को छोड़कर बाकी सभी जगहों पर ट्रायल फिर से शुरू हो गए।

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