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अब इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के हिसाब से होंगे भारतीय वाहन, सरकार ने बस, ट्रेलर, ट्रक के आकार को बढ़ाने की दी मंजूरी

  • टू व्हीलर और थ्री व्हीलर की भी लंबाई बढ़ाई जा सकती है
  • इसके लिए व्हीकल एक्ट में सुधार किया जाएगा

दैनिक भास्कर

Jun 30, 2020, 01:47 PM IST

मुंबई. भारतीय सड़कों पर जल्द ही इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के आधार पर वाहन दिखेंगे। इसके लिए ट्रकों, ट्रेलरों और बसों के अलावा दोपहिया वाहनों की लंबाई बढ़ाई जाएगी। मौजूदा कोरोना महामारी ने भले ही सब को परेशानी में डाल कर रखा हो परंतु भारत सरकार आर्थिक सुधारों को सही रास्ते पर लाने की लगातार कोशिशें कर रही है।

वाहनों की लंबाई और उंचाई दोनों बढ़ेगी

जानकारी के मुताबिक अब बसों, ट्रेलरों के साथ-साथ अच्छे वाहनों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इससे संबंधित मोटर वाहन अधिनियम, 1989 के नियम-93 में सुधार करने की योजना सरकार की है। इस सुधार के पीछे विचार यह है कि अधिक यात्रियों या सामानों को एक ही वेट कटेगरी में ले जाने की अनुमति दी जाए। सरकार का मानना है कि लॉजिस्टिक में सुधार होगा। प्रस्तावित सुधार के मुताबिक एक टू-व्हीलर की अधिकतम लंबाई चार मीटर हो सकती है। ऊंचाई ढाई मीटर हो सकती है।

यूरोपीय देशों के जितनी लंबी होंगी गाड़ियां

प्रस्तावित सुधार के मुताबिक तिपहिया वाहनों की अधिकतम ऊंचाई ढाई मीटर हो सकती है। एक ट्रेलर की लंबाई अब एक मॉड्यूलर हाइड्रोलिक यूनिट के बराबर होगी। चुनिंदा रास्तों (सबसे अधिक संभावना वाले हाइवेज) पर यूरोपीय देशों (25.2मीटर) के समान लंबाई वाली गाड़ियां शुरू की जाएंगी। कंटेनर परिवहन को प्रोत्साहित करने के लिए, माल वाहनों की ऊंचाई को भी एन कटेगरी में लाया जाएगा। दो एक्सल बसों की लंबाई अब मौजूदा 12 मीटर से 13.5 मीटर होने की संभावना होगी।

अभी स्पष्ट नहीं है कि नए वाहनों पर यह लागू होगा या पुराने वाहनों पर

यात्री कारों, मोटरसाइकिलों, कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट या यहां तक कि जानवरों का चारा ले जाने वाले ट्रक ट्रेलरों की ऊंचाई 4.75 मीटर से ऊपर नहीं होना चाहिए। रेफ्रिजरेटेड कंटेनरों को ले जाने वाले सेमी-ट्रेलरों की ऊंचाई 4.25 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है अगर मौजूदा वाहनों की साइज को बदला जाएगा या यह नए वाहनों पर लागू होगा। ज्यादा संभावना है कि यह नए वाहनों पर लागू होगा। इससे एक्सपोर्ट मार्केट के लिए ऐसे वाहन बनाने वाले निर्माताओं को अतिरिक्त खर्च नहीं उठाना पडेगा। हालांकि, जो लोग घरेलू बाजारों के लिए व्हीकल बना रहे हैं, उनको टूलिंग के लिए अतिरिक्त निवेश करना पड़ सकता है।

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