- कैश फ्लो कम होने के कारण एनपीए खातों की संख्या बढ़ सकती है
- नॉन हाउसिंग सेगमेंट में हालात ज्यादा खराब रहने का अनुमान
दैनिक भास्कर
Jun 27, 2020, 10:31 AM IST
नई दिल्ली. रेटिंग एजेंसी इक्रा का कहना है कि मौजूदा गंभीर आर्थिक संकट के कारण कर्जदारों का कैश फ्लो कम हो गया है। इस कारण हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचफसी) की एसेट क्वालिटी खराब हो सकती है। एजेंसी का कहना है कि इन कारणों से वित्त वर्ष 2021 में एचएफसी का ग्रॉस एनपीए 2.5 से 3 फीसदी तक बढ़ सकता है। एजेंसी ने इसी साल मार्च में एचएफसी का ग्रॉस एनपीए 1.7 फीसदी बढ़ने का अनुमान जताया था।
3 से 4.5 फीसदी तक रह सकता है कुल ग्रॉस एनपीए
एजेंसी का कहना है कि नॉन हाउसिंग सेगमेंट में हालात काफी खराब हैं। इसके कारण चालू वित्त वर्ष के अंत तक एचएफसी का ओवरऑल एनपीए 3 से 4.5 फीसदी रह सकता है। इससे पहले एजेंसी ने 2.5 फीसदी ग्रॉस एनपीए रहने का अनुमान जताया था। इक्रा की वाइस प्रेसीडेंट सुप्रीता निज्जर का कहना है कि होम लोन में काफी लचीलापन दिखाई दे रहा है। इसका कारण यह है कि अन्य एसेट्स के मुकाबले यह काफी सुरक्षित है और इसकी संख्या भी ज्यादा होती है।
कर्जदारों की आय घटने से बढ़ेगा ग्रॉस एनपीए
निज्जर का कहना है कि कर्जदारों की आय में कमी के कारण हाउसिंग लोन सेगमेंट में भी ग्रॉस एनपीए में बढ़ोतरी होगी। मई के अंत तक एचएफसी के कुल पोर्टफोलियो का 30 फीसदी मोराटोरियम के तहत आ गया है। कर्जदारों का कैश फ्लो कम होने के कारण मोराटोरियम खत्म होने के बाद एनपीए खातों की संख्या बढ़ सकती है।