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जिन हाथों से प्रतिद्वंद्वियों को धूल चटाकर हासिल किया गोल्ड मेडल, अब वही वॉल पुट्टी लगाने को मजबूर

  • कानपुर के धनंजय ने वुशु खेल में अब तक हासिल किए 9 गोल्ड मेडल
  • राष्ट्रीय व राज्य स्तर की कई प्रतियोगिताओं में प्रतिभा का लोहा मनवाया
  • कोरोना संकट काल में रोजगार छिना तो मजबूरन मजदूरी शुरू की

दैनिक भास्कर

Jun 26, 2020, 05:55 PM IST

कानपुर. कोविड-19 संकट का असर जिंदगी पर किस कदर हुआ है। इसकी बानगी उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में देखने को मिली। जिन हाथों ने अपने प्रतिद्वंद्वी को धूल चटाकर गोल्ड मेडल हासिल किए, अब वही हाथ मजदूरी करने को मजबूर हैं। दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने के लिए कानपुर के रहने वाले धनंजय इन दिनों मकानों की दीवारों पर वालपुट्टी लगा रहे हैं। धनंजय ने वुशु में राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर कई प्रतियोगिताएं खेली हैं। उनके नाम अब तक 9 गोल्ड मेडल दर्ज है। 

स्कूल में बच्चों को सिखाते थे वुशु

धनंजय वुशु के खिलाड़ी हैं। लॉकडाउन के पहले तक वे दो स्कूलों में बच्चों को वुशु सिखाते थे। लेकिन कोरोना के चलते लॉकडाउन लगा तो स्कूल बंद हो गए। इसके बाद उनकी नौकरी छूट गई। परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो गया। परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति और पिता के बीमार होने की वजह से उन्होंने मजदूरी करने का निर्णय लिया। अब उन्हें घरो में रंगाई पुताई व वॉलपुट्टी का काम करना पड़ रहा है।  

कोच ने कहा- वर्ल्ड चैम्पियनशिप में किया था बेहतर प्रदर्शन

कानपुर के ग्रीन पार्क मैदान में धनंजय को वुशु प्रैक्टिस कराने वाले कोच संजीव शुक्ला ने बताया कि, धनंजय के परिवार की हालत ठीक नहीं है। इसलिए मैंने उसे दो स्कूलों में बच्चों को वुशु सिखाने के लिए नौकरी दिला दी थी। लेकिन, लॉकडाउन के कारण कुछ काम नहीं रहा तो पैसे भी मिलने बंद हो गए। कुछ दिन तो जैसे तैसे चला, लेकिन जब खाने के लाले पड़ने लगे तब उसे मजदूरी करनी पड़ी।   

कोच संजीव शुक्ला।

धनंजय ने वुशु में अपनी प्रतिभा के दम पर अब तक 9 गोल्ड मेडल व 17 सर्टिफिकेट हासिल किए हैं। वह देश के कई राज्यों में आयोजित हुई नेशनल व स्टेट लेवल की प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुका है। कोच संजीव ने कहा- धनंजय की प्रतिभा के चलते एक बार उसे वर्ल्ड चैम्पियनशिप खेलने के लिए भेजा गया था। जिसमे उसने अच्छा परफॉर्मेंस किया था। जब कोरोना काल खत्म होगा तब लोग एक बार फिर धनंजय को मेडल जीतते हुए देखेंगे। 

खेल के दौरान की धनंजय की तस्वीर।

क्या है वुशु?
वुशु या चाइनीज कुंगफु एक हार्ड और सॉफ्ट तथा कम्प्लीट मार्शल आर्ट होने के साथ ही एक फुल कॉन्टैक्ट स्पोर्ट है। फुल कॉन्टैक्ट स्पोर्ट ऐसे खेलों को कहते हैं जिनमें प्लेयर्स नियमों के अंदर रहकर एक-दूसरे पर शारीरिक हमला कर सकते हैं। इसके अंतर्गत आने वाले खेलों में सबसे मशहूर खेल फुटबॉल, रग्बी, कबड्डी, रेसलिंग इत्यादि आते हैं। हाल ही में कोविड-19 के वैश्विक संकट के बीच मुजफ्फरपुर में ऑनलाइन नेशनल वुशू चैंपियनशिप का आयोजन किया गया। इसे अब यूथ ओलंपिक में शामिल कर लिया गया है। 

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