- भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा- मौजूदा गतिविधियां जारी रहीं, तो आगे हालात और बदतर होंगे
- चीन ने जो किया है, वह दोनों देशों के बीच हुए समझौतों के खिलाफ है- विदेश मंत्रालय
दैनिक भास्कर
Jun 25, 2020, 07:47 PM IST
नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में चीन ने मई की शुुरुआत से ही बड़ी तादाद में जवानों की तैनाती शुरू कर दी थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि जब चीन ने जवान भेजने शुरू किए, तो हमें भी जवाब में अपने जवान तैनात करने ही थे। गलवान झड़प के बाद दोनों ही देशों ने इस इलाके में भारी तादाद में जवानों की तैनाती कर दी है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने कभी भी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर पहले के हालात बदलने की कोशिश की। चीन की हरकतों से साफ जाहिर है कि वह एलएसी के लिए हुए समझौतों के बिल्कुल खिलाफ है। अभी जो चल रहा है, वो जारी रहा तो आगे स्थितियां और खराब हो जाएंगी।
भारतीय पक्ष कोई एक्शन लेने से बचे- चीन
इस बीच, भारत में चीन के राजदूत सुन वेईडोंग ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय पक्ष चीन से बीच में मुलाकात करे और कोई एक्शन लेने से बचे ताकि सीमा पर हालात पेंचीदा ना हो जाएं। शक और टकराव गलत रास्ता है और यह दोनों देशों के लोगों के मूल्यों के भी खिलाफ है। अभी भारत-चीन सीमा पर हालात स्थिर हैं। वेईडोंग ने कहा- भारतीय पक्ष ने जो एक्शन लिया है, वो दोनों देशों के बीच हुए समझौतों से मेल नहीं खाता है।
फिंगर एरिया में चीन के 10 हजार से ज्यादा जवान
न्यूज एजेंसी एएनआई ने मंगलवार को बताया था कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पैंगोंग झील, जिसे फिंगर एरिया कहा जाता है, उसके पास लगातार निर्माण कर रही है और अपने जवान बढ़ा रही है। इस इलाके में चीन ने 4 मई को कई ठिकाने बनाने शुरू किए थे और अब तक यहां पीएलए के 10 हजार से ज्यादा जवान तैनात किए जा चुके हैं।