January 14, 2025 : 4:44 AM
Breaking News
लाइफस्टाइल

बुधवार और चतुर्थी तिथि के संयोग में गणेश पूजा और व्रत से दूर होती हैं कामकाज की रुकावटें

  • इस व्रत में शाम को गणेश और चतुर्थी देवी की पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने से बढ़ता है दांपत्य सुख

दैनिक भास्कर

Jun 24, 2020, 07:01 AM IST

गणेश पुराण के अनुसार, चतुर्थी तिथि भगवान श्री गणेश को समर्पित है। 24 जून को आषाढ़ शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि पर विनायक चतुर्थी व्रत किया जा रहा है। कई जगहों पर विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार इस विनायक चतुर्थी पर बुधवार का शुभ संयोग बन रहा है। इसके प्रभाव से इस दिन गणेशजी की पूजा और व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। बुधवार और चतुर्थी तिथि के इस शुभ संयोग में गणेश जी को दुर्वा और मोदक चढ़ाने से सौभाग्य और समृद्धि बढ़ती है। इस व्रत के प्रभाव से दांपत्य सुख भी बढ़ता है।

विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें पूजा
सुबह जल्दी उठकर नहाएं और साफ कपड़े पहनें। इसके बाद पूजा और पूरे दिन व्रत रखने का संकल्प लें। पूजन के समय श्रद्धा के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा या मिट्टी की गणेशजी की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद सुगंधित चीजों से भगवान की पूजा और आरती करें। पूजा करते समय ॐ गं गणपतयै नम: मंत्र का जाप करें। फिर गणेशजी की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं।

  • गणेशजी को 21 दूर्वा चढ़ाएं। फिर लड्डुओं का भी भोग लगाएं। इसके बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। शाम को फिर गणेशजी की पूजा और आरती करें। इसके बाद खुद भोजन कर सकते हैं।

विनायक चतुर्थी का महत्व
विनायक चतुर्थी पर श्री गणेश की पूजा दिन में दो बार की जाती है. एक बार दोपहर में और एक बार मध्याह्न में. मान्यता है कि विनायकी चतुर्थी के दिन व्रत करने और इस दिन गणेश की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान एवं बुद्धि प्राप्ति होती है। चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा से सभी कार्य सिद्ध होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

Related posts

मंगलवार को मन को व्यर्थ भटकने से बचाएं, कार्यों में परिवर्तन संभव है

News Blast

अशुभ योग बनने से तुला सहित 6 राशि वालों को संभलकर रहना होगा

News Blast

कोरोना को फ्लू के लिए बनाए जेनेटिक हथियार से हराएंगे, वायरस को टुकड़ों में तोड़ने में 90% सफलता मिली

News Blast

टिप्पणी दें