- ओपन कैप सहित जिले में 20 लाख क्विंटल उपज का ही हो सका भंडारण।
दैनिक भास्कर
Jun 23, 2020, 04:00 AM IST
अशोकनगर. जिले में इस बार रिकार्ड खरीदी की वजह से भण्डारण की समस्या बनी हुई है। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के बाद जिले की गोदाम फुल होने पर करीब 22 हजार टन गेहूं डबरा भेजा गया लेकिन चना आज भी खरीदी केन्द्रों पर पड़ा हुआ है। नागरिक आपूर्ति निगम के मुताबिक 3500 क्विंटल चना अभी भी अटका है। बारिश से कितना चना खराब हुआ फिलहाल यह जानकारी नहीं मिली है, लेकिन अनुमान के मुताबिक करीब 100 क्विंटल से अधिक चना खराब होने की संभावना है। जब तक इस चने काे वेयर हाउस में जमा नहीं हाेगा तब तक किसानों का भुगतान भी अटका रहेगा।
समर्थन मूल्य पर रिकार्ड खरीदी के बाद भण्डारण की व्यवस्था फेल हो गई। इससे कई केन्द्रों पर बारिश के दौरान चना भीग गया। ऐसे में जो चना जमा नहीं हुआ है या फिर खराब हुआ है उससे किसानों के भुगतान में कठिनाई होगी। खरीदी के बाद भण्डारण व्यवस्था फेल होने की वजह से यह स्थिति बनी है। हालाकि जो केन्द्र ऐसे स्थानों पर बने थे जहां बारिश में परिवहन की दिक्कत होती वहां से चना उठवा दिया गया है लेकिन कई ऐसे केन्द्र हैं जहां अभी भी चना बड़ी संख्या में रखा हुआ है।
वेयरहाउस की छत ही उड़ी
मानसूनी सीजन में तेज आंधी और बारिश की वजह से वेयरहाउस के अंदर रखी उपज भी सुरक्षित नही है। पिपरई क्षेत्र में चना खरीदी के बाद मुंगावली-पिपरई रोड पर एक निजी वेयरहाउस में चना रखवाया था। लेकिन विगत दिवस आंधी और तेज हवा के चलते एक वेयरहाउस की छत उड़ गई। वेयरहाउस में रखी फसल को अस्थाई प्रबंध कर चना को दूसरे टीन शेड में शिफ्ट किया गया। लेकिन कितना चना इस दौरान भीगा इसका भी आंकलन नहीं किया जा सका है।
जिले में इस बार खरीदी की स्थिति
- गेहूं – 2 लाख 35 हजार 145 टन।
- चना – 30 हजार 80 टन।
- सरसों – 4 हजार 743 टन।
जिले में अभी 360 टन चना अटका हुआ है। संभवत: 10 टन से अधिक खराब होने की संभावना है। जिन समितियों का चना अटका हुआ है उसको उसी क्षेत्र में रखवाने की व्यवस्था कराई जा रही है। रिकार्ड खरीदी होने की वजह से इस बार भण्डारण की समस्या बनी है।
आरएस सोलंकी, प्रबंधक, नागरिक आपूर्ति निगम, अशोकनगर।
1.62 कराेड़ के चने का नहीं किया जा सका भंडारण
जिले के गोदाम सहित भण्डारण के लिए बनाए ओपन कैप फुल होने के बाद गेहूं को डबरा भेजा गया। नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक आरएस सोलंकी ने बताया कि डबरा वेयरहाउस पर करीब 2 लाख 20 हजार क्विंटल गेहूं भेजा गया है। इसके अलावा चना भी डबरा भेजा गया है। लेकिन अभी भी 3600 क्विंटल यानी 1 करोड़ 62 लाख से अधिक राशि का चना अटका हुआ है।
भण्डारण में फेल, खराब होने पर समिति की जिम्मेदारी
जिन समितियों के पास चना अटका हुआ है। उनका चना भण्डारण न होने की स्थिति में रखा है लेकिन वह खराब होता है तो फिलहाल इसकी जिम्मेदारी संबंधित खरीदी केन्द्र समितियों की रहेगी। शासन स्तर पर इसके लिए कोई गाइड लाइन तैयार नहीं की गई है। उल्लेखनीय है कि प्राकृतिक आपदा के दौरान शासन से मार्गदर्शन मिलता है जो और भी स्थानों पर मिला है।