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सरकार का आदेश- गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस पर बिकने वाले सामान किस देश के हैं, विक्रेता को इसकी जानकारी देनी ही होगी

  • केंद्र के अधिकारी ने बताया- सरकार ने आत्मनिर्भर अभियान के तहत यह फैसला लिया
  • इससे पहले केंद्र ने खराब क्वॉलिटी वाले चीनी सामान पर रोक के लिए इंडस्ट्री से डिटेल मांगी थी

दैनिक भास्कर

Jun 23, 2020, 06:20 PM IST

नई दिल्ली. केंद्र ने मंगलवार को आदेश दिया है कि गवर्नमेंट ई-मार्केट पर प्लेस के जरिए विक्रेता को कोई प्रोडक्ट बेचना है, तो उसे यह जानकारी देनी ही होगी कि यह सामान किस देश का है। न्यूज एजेंसी ने सरकारी अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत केंद्र ने यह फैसला लिया है।
यह फैसला सीधे तौर पर भारत और चीन के बीच जारी तनाव से नहीं जुड़ा है, पर प्रोडक्ट की ओरिजिन कंट्री के बारे में जानकारी मांगने को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, केंद्र ने पिछले दिनों चीनी प्रोडक्ट का आयात कम करने के लिए कई आदेश जारी किए हैं।

“घरेलू मटेरियल का कितना इस्तेमाल हुआ, यह भी बताना होगा’
पोर्टल के सीईओ तल्लीन कुमार ने बताया- ई-मार्केट प्लेस पर बेचे जाने वाले प्रोडक्ट में लोकल कंटेंट यानी घरेलू मटेरियल का कितना इस्तेमाल हुआ है, इसकी भी जानकारी देनी होगी। सभी नए प्रोडक्ट के रजिस्ट्रेशन के वक्त यह जानकारी देना अब जरूरी होगा। यह आदेश आने से पहले जिन विक्रेताओं ने अपने प्रोडक्ट अपलोड कर दिए हैं, उन्हें लगातार यह जानकारियां अपडेट करनी होंगी। अगर वह ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उनके प्रोडक्ट हटा दिए जाएंगे।

गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस पोर्टल 2016 में शुरू किया गया था
सरकारी ई-मार्केट पोर्टल को 2016 में सभी सरकारी विभागों और मंत्रालयों द्वारा सामान और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद के लिए शुरू किया गया था। सरकारी विभाग, एजेंसियां और सरकारी यूनिट्स इस पोर्टल के जरिए आदिवासियों द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स और हाथ से बनी चीजें भी खरीद सकते हैं। इस तरह के करीब 4 हजार आईटम इस पोर्टल पर अपलोड हैं।

पोर्टल पर मेक इन इंडिया फिल्टर भी शुरू
कुमार ने कहा- नए फीचर के साथ अब हर वक्त पोर्टल पर प्रोडक्ट के बारे में जानकारी दिखाई देगी। इसके साथ ही मेक इन इंडिया फिल्टर को भी शुरू कर दिया गया है। इसके जरिए खरीदार अब केवल उन प्रोडक्ट्स का भी चयन कर सकते हैं, जिन्हें बनाने में कम से कम 50% लोकल मटेरियल का इस्तेमाल किया गया है। इसके जरिए हम मेक इन इंडिया को बढ़ावा दे रहे हैं और ऐसे प्लेटफॉर्म पर घरेलू निर्माताओं को प्रमोट कर रहे हैं।

चीनी प्रोडक्ट्स की जानकारी मांगी थी

इसके पहले रविवार को केंद्र सरकार ने इंडस्ट्री से सस्ते और खराब क्वॉलिटी वाले चीनी प्रोडक्ट्स के बारे में जानकारी मांगी थी ताकि इनके आयात पर रोक लगाई जा सके और घरेलू उत्पादन बढ़ाया जा सके। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि इंडस्ट्री जल्द ही सुझाव तैयार कर केंद्र को भेजेगी।

चीन के सरकारी अखबार ने क्या कहा था
गलवान घाटी में सैन्य झड़प के बाद भारत में चीन का विरोध बढ़ रहा है। चीन के बने सामान का बॉयकॉट भी हो रहा है। इस पर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एडिटोरियल पब्लिश किया था। इसमें कहा गया था- भारत में जारी चीन विरोधी अभियान का नकारात्मक असर पड़ रहा है। पड़ोसी देश में व्यापार की चीन की संभावनाएं कम हो रही हैं। भारत में चीनी मोबाइल ऐप और प्रोडक्ट का बॉयकॉट किया जा रहा है और इससे दोनों देशों के रिश्ते खराब होंगे। चीन के मार्केट एनालिस्ट के हवाले से एडिटोरियल में कहा गया है कि चीनी सामानों का बॉयकॉट भारत में सामाजिक घटना बन चुकी है। 

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