- बीएसई पर कंपनी के शेयर 27.06 फीसदी उछलकर 519.80 रुपए पर बंद हुए
- ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स का मार्केट कैपिटलाइजेशन 14,667.10 करोड़ रुपए हुआ
दैनिक भास्कर
Jun 22, 2020, 08:26 PM IST
नई दिल्ली. देश में कोरोनावायरस की पहली दवा पेश करने के बाद फार्मा कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स के शेयरों में सोमवार को भारी उछाल दर्ज किया गया। बीएसई पर कंपनी के शेयर 27.06 फीसदी उछलकर 519.80 रुपए पर बंद हुए। कंपनी ने कोरोनावायरस के माइल्ड से मॉडरेट सिंप्टम्स वाले मरीजों के इलाज के लिए एंटीवायरल दवा फैवीपिराविर लांच की है। फैवीपिराविर दवा को फैबीफ्लू ब्रांड नाम के साथ पेश किया गया है। इसके एक टैबलेट की कीमत करीब 103 रुपए रखी गई है।
इंट्र्राडे में 40 फीसदी तक उछले कंपनी के शेयर
दिनभर के कारोबार में कंपनी के शेयरों ने 39.99 फीसदी के उछाल के साथ 572.70 रुपए का ऊपरी और 450 रुपए का निचला स्तर छूआ। इससे पिछले कारोबारी सत्र में कंपनी के शेयर 409.10 रुपए पर बंद हुए थे। सोमवार के बंद भाव पर ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स का मार्केट कैपिटलाइजेशन 14,667.10 करोड़ रुपए है।
अन्य फार्मा शेयर भी उछले
बीएसई का सेंसेक्स सोमवार को 179.59 अंकों की तेजी के साथ 34,911.32 पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी 66.80 अंकों की तेजी के साथ 10,311.20 पर बंद हुआ। पावर और मेटल के बाद बीएसई का हेल्थकेयर तीसरा सबसे ज्यादा उछाल दर्ज करने के वाला सेक्टर रहा। हेल्थकेयर सेक्टर में 2.26 फीसदी तेजी रही। हेल्थकेयर शेयरों में ग्लेनमार्क फार्मा के अलावा सुवेन फार्मा 19.99 फीसदी, स्ट्राइड्स फार्मा साइंस 13.65 फीसदी, सन फार्मा एडवांस्ड रिसर्च कंपनी 13.07 फीसदी और लिंकोन फार्मास्यूटिकल्स 9.74 फीसदी उछले।
34 टैबबलेट वाली एक पत्ती का एमआरपी 3,500 रुपए होगा
ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स ने एक बयान में कहा कि फैबीफ्लू का टैबलेट 200 एमजी की क्षमता में उपलब्ध होगी। इसके 34 टैबबलेट वाली एक पत्ती की कीमत (एमआरपी) 3,500 रुपए होगी। कंपनी ने कहा कि भारतीय दवा नियामक ने उसके फैवीपिराविर टैबलेट को मंजूरी दे दी है। भारत में कोविड-19 के माइल्ड से मॉडरेट सिंप्टम्स वाले मरीजों के इलाज के लिए इस दवा को बनाने और मार्केटिंग करने की मंजूरी दी गई है। कंपनी ने साथ ही कहा कि यह मंजूरी एक्सिलरेटेड अप्रूवल प्रोसेस के तहत दी गई है।
हिमाचल प्रदेश के बड्डी संयंत्र में हो रहा है टैबलेट का उत्पादन
कंपनी ने कहा कि इस टैबलेट का उत्पादन हिमाचल प्रदेश के बड्डी संयंत्र में किया जा रहा है। यह दवा अस्पताल और रिटेल स्टोर दोनों जगह उपलब्ध होगी। यह एक प्रिस्क्रिप्शन दवा होगी। इसका मतलब यह है कि डॉक्टर की सलाह के बाद ही यह मिलेगी।