- 2014 में पहले 6 महीनों में केवल एक ही आईपीओ आया था
- इस साल एसबीआई के आईपीओ ने किया निवेशकों को निराश
दैनिक भास्कर
Jun 22, 2020, 09:20 PM IST
मुंबई. आईपीओ बाजार पर कोरोना का असर पूरी तरह से हिट साबित हुआ है। इस कैलेंडर साल के पहले 6 महीनों में महज एक ही आईपीओ आ पाया है। यह आंकड़ा 2014 के स्तर पर पहुंच गया है। उस साल में भी पहले 6 महीने में महज एक ही आईपीओ आया था। उधर सोमवार को ही सेबी ने यूटीआई म्यूचअल फंड के आईपीओ को मंजूरी दे दी।
यूटीआई आईपीओ से 3,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई है। इसने दिसंबर में इसके लिए आवेदन फाइल किया था। पिछले हफ्ते ही इम्तियाजुर रहमान को कंपनी का एमडी बनाया गया था।
एक आईपीओ को सब्सक्रिप्शन नहीं मिलने पर वापस लेना पड़ा
इस साल अभी तक एकमात्र आईपीओ एसबीआई कार्ड का आया है। पर निवेशकों के लिए यह भी घाटे का सौदा रहा है। यह आईपीओ के भाव की तुलना में 18 प्रतिशत डिस्काउंट पर कारोबार कर रहा है। 2014 में हालांकि 6 महीने में दो आईपीओ आए थे, पर एक आईपीओ को सब्सक्रिप्शन नहीं मिलने पर वापस ले लिया गया था। इस साल भी यही हाल रहा है। इस साल भी एसबीआई कार्ड के अलावा एक एंटोनी वेस्ट का आईपीओ आया था, और उसे पूरा सब्सक्रिप्शन नहीं मिलने पर वापस ले लिया गया था।
अब नजर दूसरी छमाही के सुधरने पर
बाजार के जानकारों के मुताबिक अब पूरी तरह से नजर दूसरी छमाही पर है। हालांकि एसबीआई के कारण ग्रे बाजार को भी झटका लगा है। एसबीआई का ग्रे मार्केट का कामकाज सभी शहरों में सेटलमेंट नहीं हो पाया था। प्रीमियम का कई सौदा तो रद्द हो गया था। अहमदाबाद में ग्रे मार्केट के ऑपरेटर लॉकडाउन से पहले ही सेटलमेंट कर लिए थे। इससे यह पता चलता है कि अगर ग्रे मार्केट में सुधार नहीं हुआ तो इसका सीधा असर आईपीओ पर दिखेगा।
एलआईसी का आईपीओ भी आएगा देरी से
बता दें कि कोरोना से पहले एलआईसी के आईपीओ को लेकर जरूर कुछ पॉजिटिव माहौल बना था, पर कोरोना ने पूरे माहौल को चौपट कर दिया। हालांकि अभी भी यह संभव है कि इस वित्त वर्ष में यह आईपीओ आ जाएगा, पर यह काफी बड़ा आईपीओ है। इसलिए इसमें थोड़ी देरी भी हो सकती है। विश्लेषकों के मुताबिक अभी भी आईपीओ बाजार या सेकेंडरी मार्केट अगले 3 महीने तक खराब रह सकता है। माना जा रहा है कि पहला आईपीओ आने में अगस्त लग सकता है।
20 हजार करोड़ रुपए के आईपीओ की थी उम्मीद
इस साल की शुरुआत में 20 हजार करोड़ रुपए के आईपीओ आने की उम्मीद थी। लेकिन यह सभी आईपीओ टल गए। इस वर्ष एसएमई प्लेटफॉर्म पर भी पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम आईपीओ आए हैं। बीएसई और एनएसई पर मिलाकर एसएमई के महज 11 आईपीओ आए हैं। एसएमई प्लेटफॉर्म पर 2 से 5 करोड़ रुपए का भी आईपीओ लाने की मर्चेंट बैंकर्स की हिम्मत नहीं है। एसएमई प्लेटफॉर्म पर महज 65 करोड़ रुपए के आईपीओ आए हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम हैं।
आंकड़े बताते हैं कि मुख्य प्लेटफॉर्म पर 2019 में कुल 8 आईपीओ आए थे। 2018 में 15 आईपीओ, 2017 में 15 आईपीओ, 2016 में 11 आईपीओ व 2015 में 7 आईपीओ आए थे।