- मोदी ने पिछले हफ्ते सर्वदलीय बैठक में कहा था कि- हमारी सीमा में कोई नहीं घुसा
- विपक्ष ने पूछा- यह बात सही है तो चीन से बातचीत क्यों चल रही थी, हमारे जवान शहीद क्यों हुए?
- पीएमओ की सफाई- प्रधानमंत्री ने 15 जून को हुई झड़प के बारे में बात की थी
दैनिक भास्कर
Jun 22, 2020, 06:03 PM IST
नई दिल्ली. चीन के मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पहली बार टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि देश की सुरक्षा, रणनीति और सीमाओं के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोच-समझकर बयान देना चाहिए। उन्हें सावधान रहना चाहिए कि इन मामलों में उनकी बातों का क्या असर पड़ेगा। शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में मोदी के बयान पर हुए विवाद के बाद मनमोहन सिंह ने सोमवार को यह कमेंट किया।
भाजपा का जवाब- कांग्रेस ने हमेशा सुरक्षा बलों का मनोबल गिराया
पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा है कि मनमोहन सिंह का बयान सिर्फ शब्दों का खेल है। कांग्रेस के टॉप नेताओं के रवैए को देखकर कोई इन बातों पर भरोसा नहीं करेगा। यह वही कांग्रेस है जिसने हमेशा हमारे सुरक्षा बलों का मनोबल गिराया है। प्रधानमंत्री मोदी पर देश को पूरा भरोसा है। महमोहन के कार्यकाल के आखिरी तीन सालों में चीन ने 600 बार घुसपैठ की थी। मनमोहन उसी पार्टी से हैं जिसने भारत की 43,000 किमी सीमा पर चीन के सामने सरेंडर कर दिया था।
Dear Dr. Singh and Congress Party,
Please stop insulting our forces repeatedly, questioning their valour. You did this post the air strikes and surgical strikes.
Please understand the true meaning of national unity, especially in such times.
It’s never too late to improve.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 22, 2020
‘सरकार ने कोई कमी छोड़ी तो यह जनता से धोखा होगा’
मनमोहन सिंह का कहना है सरकार को कुछ बड़े कदम उठाने चाहिए, ताकि हमारी सीमाओं की सुरक्षा में शहीद हुए जवानों को न्याय मिल सके। सरकार ने कोई कमी छोड़ दी तो यह देश की जनता से विश्वासघात होगा।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि हम ऐतिहासिक मोड़ पर हैं। इस वक्त सरकार के फैसले और कार्रवाई से यह तय होगा कि आने वाली पीढ़ियों की हमारे बारे में क्या राय होगी? हमारी लीडरशिप को जिम्मेदारियां उठानी पड़ती हैं। भारतीय लोकतंत्र में यह जिम्मेदारी प्रधानमंत्री ऑफिस की होती है।
‘प्रधानमंत्री को अपने बयान से चीन को बढ़ावा नहीं देना चाहिए’
मनमोहन ने कहा कि चीन ने 2000 से लेकर आज तक गलवान वैली और पैंगोंग झील में कई बार जबरन घुसपैठ की है। हम उसकी धमकियों और दबाव के आगे नहीं झुकेंगे और ना ही देश की अखंडता से कोई समझौता करेंगे। प्रधानमंत्री को अपने बयान से उनकी साजिश के रवैए को बढ़ावा नहीं देनी चाहिए। साथ ही तय करना चाहिए कि हालात और ज्यादा गंभीर नहीं हों।
राहुल ने कहा- आशा करता हूं कि प्रधानमंत्री बात मानेंगे
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी की महत्वपूर्ण सलाह। भारत की भलाई के लिए, मैं आशा करता हूँ कि PM उनकी बात को विनम्रता से मानेंगे। pic.twitter.com/0QTewzmcyD
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 22, 2020
मोदी ने कहा था- हमारी सीमा में कोई नहीं घुसा
चीन के मुद्दे पर पिछले हफ्ते हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हमारी सीमा में कोई नहीं घुसा है, ना ही कोई पोस्ट किसी के कब्जे में है। इसके बाद विपक्ष ने सवाल उठाए थे कि यह बात सही है तो फिर चीन से बातचीत क्यों चल रह रही थी, हमारे 20 जवान शहीद क्यों हुए?
इस पर प्रधानमंत्री ऑफिस (पीएमओ) ने सफाई दी कि मोदी के बयान को गलत तरीके से पेश कर अफवाह फैलाई जा रही है। उन्होंने 15 जून की झड़प के बारे में कहा था कि उस दिन हमारे जवानों की बहादुरी की वजह से चीन के सैनिक घुसपैठ नहीं कर पाए।
चीन विवाद से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ सकते हैं-