दैनिक भास्कर
Jun 22, 2020, 04:00 AM IST
नई दिल्ली. लद्दाख की गलवान घाटी में चल रहे तनाव के बीच सरकार ने चीन के खिलाफ आर्थिक तालाबंदी को और कारगर बनाने के लिए उद्योग जगत से आयातित सामानों की सूची मांगी है। सूत्रों ने रविवार को बताया कि सरकार ने इसके साथ ही सस्ते आयातों के उत्पाद-वार विवरण, घरेलू कीमतों की तुलना और टैक्स नुकसान, विशेष रूप से चीन से कम गुणवत्ता वाले इनबाउंड शिपमेंट पर अंकुश लगाने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों ने कहा कि चीन से आयात होने वाले गैर-जरूरी सामान की पहचान करने और उसकी जगह देसी सामान को प्रोत्साहन देने के लिए यह कदम उठाया गया है।
सेल फोन, फार्मा क्षेत्र का प्रमुख निर्यातक है चीन
चीन भारत के लिए सेल फोन, दूरसंचार, बिजली, प्लास्टिक के खिलौने और महत्वपूर्ण फार्मास्युटिकल जैसे क्षेत्रों में एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। सूत्रों ने बताया कि उद्योगों को चीन से आयातित कुछ सामानों और कच्चे माल पर सुझाव भेजने के लिए कहा गया है, जिसमें कलाई घड़ी, दीवार घड़ियां, इंजेक्शन की शीशी, कांच की छड़ें और ट्यूब, हेयर क्रीम, हेयर शैंपू, फेस पाउडर, आंख और होंठों के मेकअप के सामान, प्रिंटिंग के लिए स्याही, पेंट और वार्निश आदि शामिल हैं।
कुल आयात में चीन की 14 फीसदी हिस्सेदारी
भारत के कुल आयात में चीन की हिस्सेदारी 14 फीसदी है। अप्रैल 2019 से फरवरी 2020 के बीच चीन से भारत के लिए 62.4 अरब डॉलर (4.7 लाख करोड़ रुपए) की वस्तुओं का आयात हुआ है। वहीं, भारत से चीन के लिए 15.5 अरब डॉलर (1.1 लाख करोड़ रुपए) की वस्तुओं का निर्यात किया। इस हिसाब से चीन से भारत का कारोबारी घाटा 3.5 लाख करोड़ रुपए रहा।