May 15, 2024 : 8:34 AM
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उद्धव सरकार ने छात्रों को परीक्षा देने का विकल्प दिया, हर जिले में विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टास्क फोर्स बनेगी; राज्य में अब तक 50.4 % मरीज ठीक हुए

महाराष्ट्र में शनिवार तक कोरोनावायरस के 3,827 नए मामले सामने आए। राज्य में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,24,331 हो गई। महामारी से 142 मरीजों की मौत हो गई। मृतकों की संख्या 5,893 हो गई।

पिछले 24 घंटे में1,935 मरीजों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज हो गए।इसके साथराज्य में अब तक 62,773 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।मरीजों की ठीक होने यानीरिकवरी दर 50.4 प्रतिशत है। जबकि देशभर में रिकवरी दर 53.8 है। अब तक राज्य में 7,35,674 सैंपल की जांच की गई। राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 50.49 फीसदी है जबकि मृत्युदर 4.74 फीसदी है।स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. प्रदीप व्यास ने कहा कि जहां पर प्रत्येक मरीज के 10 से कम संपर्क खोजे जा रहे हैं वहां पर संक्रमण का प्रसार ज्यादा हो रहा है।व्यास ने बताया कि राज्य में कोरोना के मरीजों की संख्या दोगुनी होने की दर 21.3 दिन से बढ़कर 23.1 दिन हो गया है।

मुंबई में 114 लोगों की एक दिन में मौतहुई

इस बीचबृह्नमुंबई महानगर पालिका के मुताबिक, मुंबई में शुक्रवार को कोविड-19 के 1,269 नए मामले सामने आए। शहर में अभी तक कुल 64,068 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हुए हैं। 114 मौत के साथ अब तक 3,423 लोगों की मौत हुई है। शुक्रवार को कोविड-19 के 401 मरीज स्वस्थहुए।अब तक शहर के 32,257 मरीज ठीक हो चुके हैं।

राज्य के हर जिले में बनेगीविशेषज्ञ डॉक्टरों की टास्क फोर्स

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई की तर्ज पर प्रदेश के हर जिले में विशेषज्ञ डॉक्टरों के टास्क फोर्स नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के मरीजों को खोजने में ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना के मरीजों की संख्या दोगुनी होने की गति को रोकने में कामयाबी मिली है पर मृत्यु दर बढ़ना उचित नहीं है।मुंबई में डॉक्टरों के टास्क फोर्स का अच्छा उपयोग हुआ है। अब प्रत्येक जिले अथवा विभागीय स्तर पर टास्क फोर्स बनाना जरूरी है।

अनलॉक के बाद मुंबई में फिर पुराने दिनों की तरह सड़कों पर भारी भीड़ नजर आ रही है।

यूनिवर्सिटीके अंतिम वर्ष की परीक्षाएं नहीं होंगी, विकल्प देगी सरकार

प्रदेश सरकार की ओर से यूनिवर्सिटीके अंतिम वर्ष के अंतिम सेमेस्टर के प्रोफेशनल कोर्स (व्यावसायिक) और नॉन प्रोफेशनल (गैर व्यावसायिक) कोर्स की परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी। लेकिन सरकार ने विद्यार्थियों को परीक्षा देने के लिए ऐच्छिक विकल्प रखा है। इसके तहत यदि कोई विद्यार्थी परीक्षा देना चाहता है तो उसकी परीक्षा ली जाएगी। प्रदेश के उच्च औरतकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने यह घोषणा की। सामंत ने कहा कि नॉन प्रोफेशनल कोर्स के जो विद्यार्थी बिना परीक्षा दिए डिग्री लेना चाहते हैं उन्हें विश्वविद्यालय को लिखित में देना पड़ेगा। इसके बाद विश्वविद्यालय की ओर से विद्यार्थी के औसत अंक के आधार पर रिजल्ट घोषित किया जाएगा।

बीएमसी के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर विचार करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार के उस आदेश पर नाराजगी जताई, जिसमें कहा गया था कि मरीजों या उनके रिश्तेदारों को कोविड-19 की पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं मिल सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मरीजों और रिश्तेदारों को ये रिपोर्ट मिलनी चाहिए। अदालत ने महाराष्ट्र सरकार से अपने आदेश की समीक्षा करने के लिए कहा है। बृहन्मुंबई नगर निगम ने 13 जून को यह सर्कुलर जारी किया था। ये रिपोर्ट सीधे बीएमसी को सौंपी जाएगी। बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल का तर्क है कि इसका विरोध गलत है और यह उन सिम्पटोमटिक (लक्षण साफ दिखने वाले) मरीजों के हित में है जिन्हें तत्काल देखभाल और मेडिकल केयर की जरूरत है।

संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट नहीं देने के फैसले के खिलाफ भाजपा नेताओंने बीएमसी ऑफिस के बाहरशुक्रवार को प्रदर्शन किया।

प्राइवेट अस्पतालों की ओर सेउल्लंघनकिया जा रहा

चहल ने कहा- 'मुंबई के अहम 35 प्राइवेट अस्पतालों में कोविड बेड्स और आईसीयू बेड्स पर अधिकतर असिम्पटोमटिक (बिना लक्षण वाले) पॉजिटिव मरीजों का कब्जा है। यह इस तथ्य के कारण है कि कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट प्राइवेट लैब्स से मिलने के बाद मरीज घबराहट और जटिलताएं बढ़ने के डर से सीधे प्राइवेट अस्पतालों में पहुंच जाता है। उन्हें वॉक इन मरीज के तौर पर तत्काल भर्ती कर लिया जाता है. इससे लाइन लिस्ट वाले सिम्पटोमटिक (लक्षण वाले मरीज) को बेड या आईसीयू बेड नहीं मिल पाता।'

लॉकडाउन की वजह से आर्थिक तंगी झेल रहे मुंबई के 1000 डब्बावालों को मुंबई के अंधेरी इलाके में राशन वितरित किया गया।

फीस से शिकायत है तो सक्षम प्राधिकरण के पास जाए

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि किसी अभिभावक को स्कूल के फीस को लेकर परेशानी है तो वह सक्षम प्राधिकरण के सामने अपनी बात रखे। हम सभी स्कूलो की फीस का समान ढांचा तय करने का निर्देश नहीं दे सकते। हाईकोर्ट ने इजरा फाउंडेशन की ओर से दायर जनहित याचिका को समाप्त करते हुए यह बात कही। याचिका में मांग की गई थी कि सरकार को साल 2020-21 के लिए सभी स्कूलों की फीस का समान ढांचा तय करने का निर्देश दिया जाए।

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लॉकडाउन के बीच कांग्रेस नेताओं ने मुंबई के सायन इलाके में लोगों को खाना बांटा। सायन में कोरोना के 500 से ज्यादा संक्रमित मरीज हैं।

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