- आई-लैब एक दिन में 25 कोरोना टेस्ट और 300 एजाइजा टेस्ट कर सकती है, लैब में एचआईवी और टीबी की जांच भी सरकारी दरों पर हो सकेगी
- देश में कोरोना के अब तक 1.94 लाख मरीजों का इलाज किया जा चुका है, रिकवर होने की दर बढ़कर 52.95 फीसदी हुई
दैनिक भास्कर
Jun 18, 2020, 09:10 PM IST
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने गुरुवार को देश की पहली चलती-फिरती लैब की शुरुआत की है। आई-लैब वैन देश के दूर-दराज और ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर कोरोना की टेस्टिंग करेगी। आई-लैब एक दिन में 25 आरटी-पीसीआर टेस्ट और 300 एलाइजा टेस्ट कर सकती है। इसके अलावा इसमें टीबी और एचआईवी जांच की सुविधा भी है, जो सरकारी योजना के मुताबिक दरों पर की जाएगी।
कोविड-19 से रिकवर होने की दर बढ़ी
आई-लैब की फंडिंग विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कोविड-19 प्रोग्राम के तहत की है। केंद्र सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना से रिकवर होने वालों की दर बढ़कर 52.95 फीसदी हो गई है। देश में कोरोना के अब तक 1.94 लाख मरीजों का इलाज किया जा चुका है। आई-लैब की शुरुआत उस समय की गई है जब देशभर में कोरोना के मामले 3,66,946 तक पहुंच चुके हैं।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने आंध्र प्रदेश मेड-टेक ज़ोन (एएमटीजेड) के साथ स्वास्थ्य देखभाल प्रौद्योगिकी की देश में कमी को दूर करने के लिए डीबीटी-एएमटीजेड कमांड समूह की शुरुआत की है। एएमटीजेड एशिया का पहला चिकित्सा उपकरण विनिर्माण पार्क है जो चिकित्सा प्रौद्योगिकी के लिए समर्पित है। इसे कई मंत्रालयों से सहयोग मिलता है। मोबाइल जांच प्रयोगशाला इसी पहल का एक नतीजा है।
आठ दिन में तैयार हुई आई-लैब
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, आंध्र प्रदेश मेड-टेक ज़ोन टीम ने डीबीटी के समर्थन से रिकॉर्ड आठ दिन में आई-लैब को तैयार किया। देश में अब 100 प्रयोगशालाओं के साथ 20 से अधिक हब हैं। इनमें 2,60,000 से अधिक नमूनों का परीक्षण किया गया है। उन्होंने कहा कि अभी देश के सभी कोनों में 953 परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं।
डीबीटी सचिव रेणु स्वरूप ने बताया कि भारतीय वैज्ञानिकों के प्रयासों से देश ने रोजाना पांच लाख से अधिक परीक्षण किट बनाने की क्षमता हासिल की है जबकि लक्ष्य 31 मई तक एक लाख परीक्षण किट का था।
Launched India’s first mobile lab for #COVID19 testing to promote last-mile testing access in rural & inaccessible areas of India. Present with me on the occasion was Smt @RenuSwarup Ji, Secretary, @DBTIndia. @IndiaDST pic.twitter.com/Hx72kHUvFz
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) June 18, 2020