- पीजीआई चंड़ीगढ़ के आईसीयू में पिछले एक महीने से बच्ची का इलाज चल रहा है
- डॉक्टरों ने कहा- दिमाग में ऑक्सीजन न पहुंचने से बच्ची की यह हालत हुई
दैनिक भास्कर
Jun 17, 2020, 09:37 AM IST
चंडीगढ़. नाबालिग लड़की बालकनी में ब्वॉयफ्रेंड के साथ थी। पड़ोस में रहने वाली नौ साल की कीर्ति मिश्रा की उस पर नजर पड़ गई। राज न खुले इस डर से पड़ोसन ने उसका गला दबाकर मारने की कोशिश की। सिर दीवार पर दे मारा। अब वह एक महीने से चंडीगढ़ पीजीआई के आईसीयू में कोमा में है और कभी बोल-सुन नहीं पाएगी। ब्रेन में ऑक्सीजन न पहुंचने के कारण उसकी यह हालत हुई है। उसका एक ऑपरेशन भी किया जा चुका है।
आंगन में बेहोश मिली थी बच्ची
मामला 15 मई का है। कीर्ति शाम करीब 7 बजे बॉल लेकर बाहर खेलने गई। काफी देर तक बच्ची घर नहीं लौटी तो पिता ने देखा बेटी बेहोशी की हालत में आंगन में गिरी हुई थी। उसे मनीमाजरा सिविल अस्पताल लेकर जाया गया जहां से पीजीआई रैफर कर दिया गया। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की और अगली रात लड़की को गिरफ्तार किया तो सच सामने आ गया।
ऐसे पकड़ में आई आरोपी
16 साल की लड़की ने कीर्ति का गला दबाया था। बच्ची के गले पर नाखून के निशान थे। पुलिस ने बिल्डिंग में रहने वाले सभी लोगों के नाखून चेक किए। इस दौरान आरोपी लड़की ने अपने नाखून काट लिए थे। इससे पुलिस को शक हुआ। सख्ती से पूछताछ की तो वह डर गई और सब सच बता दिया।
कोई मदद करे तभी बेटी को बचा सकूंगा
कीर्ति के पिता दिव्य प्रकाश पंचकूला सेक्टर-4 में मिठाई की दुकान के बाहर सिक्युरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं। लॉकडाउन में नौकरी भी चली गई। कुछ दिनों तक रिश्तेदारों से उधार लेकर दवा लाते रहे। अब बेटी के इलाज के लिए पैसे नहीं बचे हैं। दिव्य कहते हैं कि कोई मदद करे तभी बच्ची को बचा सकूंगा।
दिमाग में ऑक्सीजन न पहुंचने से यह हालत
डॉक्टर प्यारा लाल गर्ग (रिटायर्ड सुपर स्पेशलिस्ट) ने बताया कि गला दबने से बच्ची के दिमाग में ऑक्सीजन नहीं पहुंची। मिड ब्रेन अपनी जगह से हिल गया है। कोई चमत्कार हो तो ही वह ठीक हो सकती है। ऐसा नहीं है कि बच्ची बच नहीं सकती। बच्ची कोमा में है।