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म्यूचुअल फंड को मिलेगी राहत, अनलिस्टेड एनसीडी को लिस्ट कराया जा सकता है, वन टाइम विंडो की योजना पर हो रहा है काम

  • म्यूचुअल फंड की कम रेटिंग और लिक्विडिटी वाली सिक्योरिटीज को मिलेगा लिस्टिंग का लाभ
  • फ्रैंकलिन टेंम्पल्टन ने अपनी 6 डेट स्कीम्स को बंद करने के पीछे पुराने नियम को बताया था कारण

दैनिक भास्कर

Jun 01, 2020, 08:25 PM IST

मुंबई. म्यूचुअल फंड पर दबाव को कम करने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी ने अनलिस्टेड नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर्स (एनसीडी) के लिए वन टाइम लिस्टिंग विंडो की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक म्यूचुअल फंड्स में कम रेटिंग और तरलता वाली सिक्योरिटीज को बेचने के लिए इसका लाभ लिया जा सकता है।

कोविड-19 के कारण नुकसान में बेचना पड़ रहा था एनसीडी

बता दें कि कोविड-19 के कारण देश भर में लॉकडाउन के बाद फंड्स को बड़े नुकसान के साथ इस तरह की एनसीडी को बेचना पड़ रहा था। सेबी ने म्यूचुअल फंड उद्योग को पिछले सप्ताह पत्र लिखकर कहा था कि कंपनियों को अनलिस्टेड एनसीडी की लिस्टिंग में दिलचस्पी है कि नहीं, इसकी जानकारी दी जाए। सेबी के पत्र के मुताबिक इस तरह की कुल 128 कंपनियां हैं। इसमें टाटा सन्स, ओएनजीसी पेट्रो एडीशन्स, अदानी रेल इंफ्रा, केकेआर इंडिया फाइनेंशियल सर्विसेस और हीरो सोलर एनर्जी का समावेश है।

डेट फंड के पास 41,500 करोड़ की अनलिस्टेड एनसीडी थीं

उद्योग के अनुमान के मुताबिक डेट म्यूचुअल फंड की स्कीम के पास 31 मार्च तक 41,500 करोड़ रुपए की अनलिस्टेड एनसीडी थी। सूत्रों के अनुसार ज्यादातर कंपनियां लिस्टिंग के लिए सहमत होती हैं तो सेबी स्टॉक एक्सचेंज पर इस सिक्योरिटीज के कारोबार के लिए दो महीने का विंडो दे सकती है। बता दें कि सेबी पहली बार अनलिस्टेड एनसीडी को लिस्टिंग की मंजूरी दे रही है। नियम के अनुसार मात्र नए एनसीडी इश्यू ही स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो पाएंगे।

सेबी नियमों में ढील देती है तो लिस्टिंग के लिए सहमत हो सकती हैं कंपनी

कई कंपनियां लिस्टिंग के साथ जुड़े डिस्क्लोजर को टालने के लिए लिस्टिंग नहीं कराती हैं। सूत्रों के मुताबिक सेबी अगर नियमों में ढील देती है तो फिर कंपनियां लिस्टिंग के लिए सहमत हो सकती हैं। कम समय के लिस्टिंग के विंडो के लिए म्यूचुअल फंड्स को अक्टूबर 2019 के सेबी के सर्कूलर की शर्तों का पालन करना होगा। सर्कुलर में म्यूचुअल फंड उद्योग को एनसीडी में स्कीम का कुल हिस्सा का 10 प्रतिशत से ज्यादा का निवेश नहीं करने की शर्त है। इस कारण एनसीडी के लिए म्यूचुअल फंड्स की मांग में गिरावट देखी गई थी।

फ्रैंकलिन टेंम्पल्टन ने अपनी 6 डेट स्कीम्स को बंद करने के पीछे इसी नियम को कारण बताया था। जिसके बाद सेबी के गुस्से का इस फंड हाउस को सामना करना पड़ा था। बाद में फ्रैंकलिन टेम्पल्टन ने इसके लिए माफी भी मांगी थी। जानकारी के मुताबिक इस अनलिस्टेड एनसीडी में फ्रैंकलिन और अन्य सात अग्रणी म्यूचुअल फंड्स का निवेश है।

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