- सचिवों के इस अधिकार प्राप्त समूह की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करेंगे
- इससे मंत्रालयों और विभागों के बीच तथा केंद्र व राज्यों के बीच तालमेल बढ़ेगा
दैनिक भास्कर
Jun 03, 2020, 07:10 PM IST
नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में घरेलू व विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए बुधवार को सचिवों के एक अधिकार प्राप्त समूह का गठन करने का फैसला किया। कैबिनेट सचिव इस समूह की अध्यक्षता करेंगे। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कंपनियां अपने निवेश को विभिन्न स्थानों में फैलाने के बारे में सोच रही हैं। देश में ज्यादा निवेश आकर्षित करने के लिए सचिवों का एक अधिकार प्राप्त समूह गठित किया गया है। इसके साथ ही हर मंत्रालय में प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल्स होंगे। ये सेल अपने मंत्रालय से संबंधित परियोजनाओं को मदद करेंगे और उन्हें भूमि का अधिग्रहण करने में सहयोग करेंगे।
नीतिगत मामलों में मंत्रालयों और विभागों के बीच तथा केंद्र व राज्यों के बीच तालमेल बढ़ेगा
जावड़ेकर ने कहा कि यह भारत को निवेशकों के लिए ज्यादा अनुकूल देश बनाएगा। इससे घरेलू कंपनियों का विकास होगा। इससे नीतिगत मामलों में मंत्रालयों और विभागों के बीच तथा केंद्र व राज्यों सरकारों के बीच तालमेल बढ़ेगा। इससे आर्थिक विकास होगा और प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से रोजगार के अवसरों में भारी बढ़ोतरी होगी।
कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी निवेश रणनीति को बदलने के बारे में सोच रही हैं
चीन से शुरू हुई कोरोनावायरस की महामारी और अमेरिका व चीन के बीच चल रहे ट्रेड वार के कारण कई बहुराष्ट्र्रीय कंपनियां अपनी निवेश रणनीति को बदलने के बारे में सोच रही हैं। सरकार वैश्विक और क्षेत्रीय आपूर्ति श्रृंखला में डाइवर्सिफिकेशन का लाभ उठाना चाहती है। इसके लिए वह अधिक से अधिक कंपनियों को भारत में मैन्यूफैक्चरिंग करने के लिए आकर्षित करना चाहती है।
उद्योग दुनियाभर में भारत की बढ़ी विश्वसनीयता का लाभ उठाएं : मोदी
भारतीय उद्योग परिसंघ के सालाना सत्र को संबांधित करते हुए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यदि उद्योग दो कदम चलेगा, तो मैं चार कदम चलूंगा। प्रधानमंत्री के रूप में मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि मैं आपके साथ हूं। मोदी ने उद्योग से कहा कि भारत ने दुनियाभर में जो विश्वसनीयता हासिल की है, वे उसका लाभ उठाएं। दुनिया एक भरोसेमंद साझेदार की तलाश कर रही है। हमारे पास क्षमता है। कई देश यह भी सोच रहे हैं कि क्या पुरानी नीति काम करेगी। कई चीजें बदल रही हैं। भारत से उम्मीदें बढ़ी हैं। भारत पर भरोसा बढ़ा है। देश के उद्योगों को इसका लाभ उठाना चाहिए।
भारतीय अर्थव्यवस्था में आजादी के बाद सबसे गंभीर मंदी आने की आशंका
मोदी ने आर्थिक विकास की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए संरचनात्मक सुधारों में तेजी लाने का वादा किया। भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी की तरफ बढ़ रही है। कुछ जानकारों के मुताबिक आजादी के बाद सबसे गंभीर मंदी आने की आशंका है। अधिकतर अर्थशास्त्रियों के मुताबाक कारोबारी साल 2021 में देश की जीडीपी में 5 फीसदी की गिरावट आ सकती है।