- प्रदर्शन से जुड़े दो वीडियो वायरल, लोगों ने कहा- हम इस्लाम कुबूल करने की जगह मरना पसंद करेंगे
- अमेरिका के सिंधी फाउंडेशन के मुताबिक, सिंध में हर साल करीब 1000 हिंदू लड़कियों का अपहरण होता है
दैनिक भास्कर
May 17, 2020, 05:09 PM IST
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ हिंदुओं ने विरोध प्रदर्शन किया। हिंदुओं का आरोप है कि तबलीगी जमात उन्हें मजहब बदलने के लिए मजबूर करती है। इनकार करने पर उन्हें टॉर्चर किया जाता है, घर भी तोड़ दिए जाते हैं। इन लोगों का आरोप है कि जमात ने एक हिंदू लड़के का अपहण इसलिए कर लिया क्योंकि उसने धर्म परिवर्तन से इनकार कर दिया था।
दो वीडियो भी वायरल
सिंध के दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पहले वीडियो में भील हिंदू जबरन धर्मांतरण के खिलाफ प्रदर्शन करते दिख रहे हैं। मटियार के नसूरपुर में महिलाएं और बच्चे हाथ से लिखी तख्तियां पकड़े हुए हैं। ये लोग तबलीगी जमात के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कह रहे हैं कि ‘‘हम मरना पसंद करेंगे, लेकिन कभी भी इस्लाम कुबूल नहीं करेंगे।’’ प्रदर्शनकारियों में शामिल एक महिला कह रही है कि उनकी संपत्ति हड़प ली गई, घर तोड़ दिए गए। उन्हें पीटा गया। महिला का आरोप है कि जमात के लोग कह रहे हैं कि अगर घर वापस चाहिए तो इस्लाम कुबूल करें।
दूसरे वीडियो में एक महिला जमीन पर लेटी हुई रो रही है। वह कहती है- जमात के लोगों ने मेरे बेटे का अपहरण कर लिया है। वो बेटे की रिहाई की भीख मांगती है।
सिंध में हर साल करीब 1000 हिंदू लड़कियों का होता है अपहरण
पाकिस्तान में अक्सर जबरन धर्म परिवर्तन के मामले सामने आते हैं। हालिया वक्त में ये ज्यादा बढ़ गए। अमेरिका में सिंधी फाउंडेशन के मुताबिक, सिंध प्रांत में हर साल करीब 1000 हिंदू लड़कियों (12 से 28 साल के बीच) का अपहरण किया जाता है। उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है। इसके बाद मुस्लिमों से शादी करवा दी जाती है।
जबरन इस्लाम की पढ़ाई कराई जाती है
पाकिस्तान ने कई मौकों पर अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा का भरोसा दिलाया है। लेकिन, इनके साथ भेदभाव होता रहा है। हिंसा, हत्या, अपहरण, रेप और जबरन धर्म परिवर्तन जैसी घटनाएं होती हैं। हिंदू, ईसाई, सिख, अहमदिया, और शियाओं को बहुत मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने हाल ही में कहा था कि अल्पसंख्यक समुदायों पर भयानक हिंसा हुई है। हिंदू और ईसाइयों को जबरन इस्लाम की पढ़ाई कराई जाती है। इसके साथ ही ईसाईयों को शव दफन करने की जगह बहुत कम है। हिंदूओं के लिए श्मशान तक नहीं हैं।