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विशेषज्ञों की राय: बारिश में बढ़ सकता है कोरोना संक्रमण, नमी में तीव्र होते हैं वायरस

  • वैज्ञानिक जेर्ड इवांस कहते हैं कि अभी यह पता नहीं कि सीमित बारिश का असर वायरस पर क्या होगा
  • प्रोफेसर जेर्ड बेटेन कहते हैं कि बारिश कोरोनावायरस को डायल्यूट (घोलकर कमजोर कर देना) कर सकती है

दैनिक भास्कर

May 31, 2020, 05:53 AM IST

वॉशिंगटन. अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी एपलाइड फिजिक्स लेबोरेटरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक जेर्ड इवांस कहते हैं कि अभी यह पता नहीं कि सीमित बारिश का असर वायरस पर क्या होगा। हालांकि, अधिकांश विशेषज्ञ यह मानते हैं कि बारिश में नमी के कारण वायरस तीव्र हो जाता है, जिससे बारिश में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

हालांकि, वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के ग्लोबल हेल्थ, मेडिसिन और एपिडिमियोलॉजी के प्रोफेसर जेर्ड बेटेन कहते हैं कि बारिश कोरोनावायरस को डायल्यूट (घोलकर कमजोर कर देना) कर सकती है। जिस तरह धूल बारिश के पानी में घुलकर बह जाती है, ठीक वैसे ही यह कोरोनावायरस भी बह सकता है। वहीं कई विशेषज्ञों का मानना है कि बारिश साबुन के पानी की तरह सतह को डिसइंफेक्ट करने में सक्षम नहीं है।

बारिश और कोरोना से जुड़े दो अहम सवाल

क्या बारिश से वायरस साफ नहीं हो सकते हैं?

यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के मुताबिक, ऐसे मामले भी आए हैं जिनमें 17 दिनों के बाद भी सतह पर कोरोना वायरस पाया गया है। ऐसे में फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता है कि बारिश से किसी सतह, मैदान या कुर्सी पर लगा वायरस साफ हो जाएगा। इसलिए बारिश में अतिरिक्त सावधानी जरूरी है। 

क्या बारिश से कोरोनावायरस धीमा भी नहीं पड़ेगा?
यूनिवर्सिटी ऑफ डेलावेयर की एपिडिमियोलॉजी डिपार्टमेंट की संस्थापक और वैज्ञानिक जेनिफर होर्ने के मुताबिक, बारिश का पानी वायरस की सफाई नहीं कर सकता है। इससे वायरस फैलने-पनपने की रफ्तार भी धीमी नहीं होगी। यह उसी तरह है कि हाथ पानी से धोएंगे तो वायरस नहीं मरेगा, साबुन लगाना पड़ेगा।

भारतीय विशेषज्ञ भी बोले- वायरस की सक्रियता बढ़ेगी

ये तीन तथ्य जो बताते हैं कि बारिश में सावधानी बढ़ानी पड़ेगी

  • वायरस देर तक रहता है: एम्स के कम्यूनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजय राय का कहना है कि बारिश और कोरोना पर अध्ययन नहीं हुआ है। लेकिन, वायरस की सक्रियता में कमी नहीं बल्कि तीव्रता और बढ़ेगी। बारिश में तापमान और आद्रता किसी भी वायरस के फैलने और अधिक देर तक रहने में मददगार होती है। 
  • जहां बारिश वहां भी मामले आए: आईसीएमआर की ओर से कोविड-19 के लिए बनाई गई रिसर्च और ऑपरेशन टीम के सदस्य को-एपिडेमोलॉजिस्ट प्रो.डॉ.नरेंद्र अरोड़ा कहते हैं कि बारिश में कोरोना कम होगा इसकी संभावना नहीं है। इंडोनेशिया और सिंगापुर में पूरे वर्ष बारिश होती है, लेकिन वहां लगातार मामले आ रहे हैं। 
  • अस्पताल पर बोझ बढ़ेगा: राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के डॉ.एसी धारीवाल कहते हैं कि बारिश के मौसम में डेंगू, चिकनगुनिया, सामान्य फ्लू वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी, यह एक अलग परेशानी है। ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती होंगे तो संक्रमण का खतरा भी ज्यादा होगा।

(इनपुट: पवन कुमार)

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