- राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सभी गवर्नरों को कमजोर बताते हुए प्रदर्शनकारियों पर कड़े कदम उठाने को कहा था
- ट्रम्प ने प्रदर्शन के लिए अंतीफा को जिम्मेदार ठहराया, कहा- इसे आतंकवादी संगठन घोषित करेंगे
दैनिक भास्कर
Jun 02, 2020, 11:29 PM IST
वॉशिंगटन. अमेरिका में पुलिस की बर्बरता से अश्वेत की मौत के बाद होने वाले प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सेना तैनात करने की चेतावनी दी है। इससे पहले भी ट्रम्प ने प्रदर्शनकारियों को गोली मारने और उन पर भयानक कुत्ते छोड़ने की वॉर्निंग दी थी। हालांकि, इसका कोई असर नहीं हुआ और प्रदर्शन भड़क गया। अब अमेरिका में ह्यूस्टन के पुलिस चीफ ने ट्रम्प से चुप रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि अगर आपके पास इस मुद्दे से निपटने का कोई अच्छा सुझाव नहीं है तो प्लीज अपना मुंह बंद रखें।
ट्रम्प ने सभी राज्यों के गवर्नरों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने गवर्नरों को कमजोर बताते हुए कहा था कि आप कमजोरी नहीं दिखाएं, दबाव बनाएं। ह्यूस्टन पुलिस चीफ ने इस पर एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कहा, ‘‘आप 2020 में लोगों को खतरे में डाल रहे हैं। यह समय लोगों का दिल जीतने का है, न कि धमकी देने का। पूरे देश में पुलिस अधिकारी और लोग घायल हुए हैं। ऐसे में हमें नेतृत्व की जरूरत है, लेकिन नेतृत्व हमें दुखी कर रहा है। अगर कुछ अच्छा बोलने के लिए नहीं है तो प्लीज कुछ मत बोलें। आप राष्ट्रपति हैं और उसके लिहाज से फैसले लीजिए। यह हॉलीवुड नहीं है। यह वास्तविक जीवन है और खतरे में है।’’
ट्रम्प ने कहा- एंटीफा को आतंकी संगठन घोषित करेंगे
बढ़ते प्रदर्शनों के बीच ट्रम्प ने एंटीफा को जिम्मेदार ठहराते हुए उसे आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग की है। एंटीफा का मतलब एंटी-फासिस्ट होता है। फासिस्ट या फासीवाद शब्द इटली में बेनितो मुसोलिनी के संगठन ‘फासिओ डि कंबैटिमेंटो’ से आया है। फासीवादी उन्हें कहा जाता है जो दक्षिणपंथी होते हैं। इनका विरोध करने वालों को एंटी फासिस्ट या एंटीफा कहते है। अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में इनका संगठन है। अमेरिका में साल 2000 तक संगठन का कोई बड़ा आंदोलन नहीं हुआ था, लेकिन ट्रम्प की सरकार बनने के बाद इनके प्रदर्शन बढ़ गए हैं।
The United States of America will be designating ANTIFA as a Terrorist Organization.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 31, 2020
प्रदर्शन के दौरान पुलिस को खाना खिलाने वाले रेस्टोरेंट मालिक की मौत
केंटकी राज्य के लुइसविल शहर में पुलिस की गोलीबारी में एक रेस्टोरेंट मालिक डेविक मैकएटी की मौत हो गई। डेविड विरोध-प्रदर्शन के दौरान लगातार पुलिस कर्मियों और नेशनल गार्ड के जवानों को खाना मुहैया करा रहे थे। सोमवार रात प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले दागे, इसके बाद फायरिंग कर दी। इस दौरान डेविड की गोली लगने से मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि पहले भीड़ की तरफ से गोलीबारी हुई थी। बाद में जवाबी फायरिंग की गई। लुइसविले के मेयर ग्रेग फिशर ने कहा कि इस प्रकार की गलती को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामले की जांच शुरू हो गई है।
25 मई को फ्लॉयड को गिरफ्तार किया गया था
मिनेपोलिस में 25 मई को फ्लॉयड को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इससे पहले एक पुलिस अफसर ने फ्लॉयड को सड़क पर दबोचा था और अपने घुटने से उसकी गर्दन को करीब आठ मिनट तक दबाए रखा था। फ्लॉयड के हाथों में हथकड़ी थी। इसमें 46 साल का जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने की गुहार लगाता रहा। वीडियो में उसने कहा, ‘आपका घुटना मेरे गर्दन पर है। मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं… ।’’ धीरे-धीरे उसकी हरकत बंद हो जाती है। इसके बाद अफसर कहते हैं, ‘उठो और कार में बैठो’, तब भी उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आती। इस दौरान आस-पास काफी भीड़ जमा हुई। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।